1. क्रय मूल्य (Cost Price)
कोई वस्तु जिस मूल्य पर खरीदी जाती है उस मूल्य को उस वस्तु का (खरीदने वाले के लिए) क्रय मूल्य कहते हैं। क्रय मूल्य को संक्षेप में क्र० मू० या C.P. (Cost Price) कहते हैं।
उदहारण: सोहन एक किताब किसी दुकानदार से 20 रुपैया में खरीदता है तो सोहन के लिए किताब का क्रय मूल्य 20 रुपैया है।
2.विक्रय मूल्य (Selling Price)
कोई वस्तु जिस मूल्य पर बेची जाती है उस मूल्य को उस वस्तु का (बेचने वाले के लिए) विक्रय मूल्य कहते हैं। विक्रय मूल्य को संक्षेप में वि० मू० या S.P. (Selling Price) कहते हैं।
उदहारण: सोहन एक किताब किसी दुकानदार से 20 रुपैया में खरीदता है तो दुकानदार के लिए किताब का विक्रय मूल्य 20 रुपैया है।
- एक ही प्राइस किसी के लिए क्रय मूल्य हो सकता है और किसी के लिए विक्रय मूल्य हो सकता है।
- खरीदने वाले (क्रेता purchaser) के लिए जो क्रय मूल्य होता है। वही मूल्य बेचने वाले (विक्रेता Seller) के लिए विक्रय मूल्य होता है।
3.लाभ (Profit)
किसी वस्तु का विक्रय मूल्य उसके क्रय मूल्य से अधिक हो तो (बेचने वाले के लिए) लाभ होता है ।
उदहारण: एक मोबाईल का 800 रुपैया में खरीदी गई और 1000 रुपैया में बेच दी गई । यहां स्पष्ट है लाभ होगा। क्योंकि क्रय मूल्य से विक्रय मूल्य कम है।
- मोबाइल का क्रय मूल्य = 800 रुपैया
- मोबाइल का विक्रय मूल्य = 1000 रुपैया
लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
= 1000 – 800 रुपैया
= 200 रुपैया
लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य + लाभ
क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य – लाभ
3. लाभ प्रतिशत (Profit Percentage)
सबसे पहले लाभ निकालना पड़ता है उसके बाद लाभ का प्रतिशत ज्ञात कर लीजिए। अगर आप प्रतिशत के बारे में नहीं जानते हैं, तो सबसे पहले प्रतिशत टॉपिक जो मैंने पढ़ाया है उसको पढ़ लीजिए। अच्छी तरह से, उसके बाद इस टॉपिक को कवर कीजिएगा।
अगर 800 रुपैया के क्रय मूल्य पर 200 रुपैया का लाभ हुआ तो 100 रुपैया के क्रय मूल्य पर कितना लाभ होगा। यह निकल लीजिए यही लाभ प्रतिशत होगा। यह ऐकिक नियम से भी निकल सकते हैं।
लाभ प्रतिशत = 200/800× 100
= 25%
लाभ प्रतिशत = लाभ/क्रय मूल्य × 100
क्रय मूल्य = लाभ/ लाभ प्रतिशत × 100
लाभ = (लाभ प्रतिशत × क्रय मूल्य)/100
4.हानि (Loss)
किसी वस्तु का विक्रय मूल्य उसके क्रय मूल्य से कम हो तो (बेचने वाले के लिए) हानि होता है ।
उदहारण: एक मोबाईल का 1000 रुपैया में खरीदी गई और 800 रुपैया में बेच दी गई । यहां स्पष्ट है हानि होगा। क्योंकि क्रय मूल्य से विक्रय मूल्य ज्यादा है।
मोबाइल का क्रय मूल्य = 1000 रुपैया
मोबाइल का विक्रय मूल्य = 800 रुपैया
हानि = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य
= 1000 – 800 रुपैया
= 200 रुपैया
हानि = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य
विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य – हानि
क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य + हानि
5. हानि प्रतिशत (Loss Percentage)
सबसे पहले हानि निकालना पड़ता है उसके बाद हानि का प्रतिशत ज्ञात कर लीजिए।
अगर 1000 रुपैया के क्रय मूल्य पर 200 रुपैया का हानि हुआ तो 100 रुपैया के क्रय मूल्य पर कितना हानि होगा। यह निकल लीजिए यही हानि प्रतिशत होगा। यह ऐकिक नियम से भी निकल सकते हैं।
हानि प्रतिशत = 200/1000× 100
= 20%
हानि प्रतिशत = हानि/ विक्रय मूल्य × 100
विक्रय मूल्य = हानि/ हानि प्रतिशत × 100
हानि = (हानि प्रतिशत × विक्रय मूल्य)/100
6. उपरिव्यय (Overheat)
दुकानदार या विक्रेता को माल खरीद कर बिक्री स्थान तक लाने में भारत तथा मजदूरी पर खर्च करना पड़ता है। साथ ही दुकान का किराया, बिजली का बिल, स्टाफ का वेतन, मैनेजमेंट इत्यादि पर खर्च होता है। यह सभी खर्च उपरिव्यय कहलाता है।
प्रश्न में जब तक अन्यथा ना कहा जाए उपरिव्यय वास्तु के क्रय मूल्य में ही सम्मिलित समझा जाता है। लाभ और हानि निकालने के लिए हमेशा क्रय मूल्य का ही उपयोग किया जाता है।