म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) क्या है, कैसे इन्वेस्ट करें, लाभ हानि

म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) :- एक साथ बहुत सारे investor मिलकर किसी शेयरों (Stocks) बॉन्ड्स (Bonds), मुद्रा (Money), और समझौते में निवेश (Invest) करते हैं।

  • इससे रिस्क कम हो जाता है।
  • अच्छे विशेषज्ञों द्वारा सोच – समझकर invest किया जाता है।
Mutual fund

कैसे काम करता है म्यूच्यूअल फंड (mutual fund)

अगर आप चाहेंगे हम कुछ लोग साथ मिलकर किसी चीज़ में इन्वेस्ट करते हैं। खैर यह कर सकते हैं। लेकिन इसका रेगुलेशन किसके हाथ में होगा ? यह लाभ का बटवारा कैसे होगा ?

म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) का इतिहास बहुत पहले का नहीं है। पहला म्यूच्यूअल फंड का लगभग सन 1774 में डच, पूर्वोत्तर भारत कंपनी द्वारा हुआ था। यह कंपनी निवेशकों के पूंजी को एकत्र करने और उन्हें व्यापक रूप से निवेश करने का विकल्प प्रदान करने के लिए एक विशेष फंड बनाई गई थी।

बाद में, वर्ष 1868 में, एक अमेरिकी बैंकर ने पहली बार एक म्यूच्यूअल फंड बनाया जिसे “मेरीमैन इंवेस्टमेंट कंपनी” के नाम से जाना जाता है। इससे पहले अमेरिकी निवेशकों का मुख्य निवेश क्षेत्र अक्सर कंपनियों के शेयर बाजार में था।

इसी तरह से इंडिया में भी म्यूच्यूअल फंड की शुरुआत हुई। शुरुआत में रेगुलेशन में दिक्कत होने लगी। धीरे – धीरे सरकार इन पर ध्यान अच्छी तरह से ध्यान देने लगी।

अभी के समय में कोई भी म्यूच्यूअल फंड कंपनी लोगों का रुपैया घपला नहीं कर सकती है।

  • म्यूच्यूअल फंड कंपनियों को भारत में संचालित निवेश कंपनियों (Asset Management Companies or AMCs) के नाम से जाना जाता है।
  • इन कंपनियों को बनाने के लिए सबसे पहले एक वित्तीय सेवा उपयोगकर्ता द्वारा एक संस्थान या निजी कंपनी का गठन किया जाता है। 
  • इसके बाद, वे नियमों और विनियमों के अंतर्गत एक निवेश प्रबंधक को नियुक्त करते हैं जो निवेशकों के लिए निवेश पोर्टफोलियों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होता है।
  • AMC कंपनियां एक निवेश पोर्टफोलियो के लिए एक म्यूच्यूअल फंड बनाती हैं और फिर इस फंड को निवेशकों को उपलब्ध कराती हैं।
  • म्यूच्यूअल फंड कंपनियों की स्थापना इनके प्रबंधक द्वारा की जाती है। ये प्रबंधक एक पंजीकृत वित्तीय संस्था होते हैं। जो संचालन, निवेश और वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। ये प्रबंधक निवेशकों के पैसे को निवेश करने के लिए पोर्टफोलियों का निर्माण करते हैं जो निवेशकों के लक्ष्यों, निवेशकीय उत्पादों, उनकी निवेश समझ और उनकी रिस्क टोलरेंस के आधार पर तैयार किए जाते हैं।
  • एक बार जब पोर्टफोलियो तैयार होता है, तो ये कंपनियां अपने निवेशकों के नाम पर इस पोर्टफोलियों में निवेश करती हैं। 

म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) में कैसे इन्वेस्ट किया जाता है ?

म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के लिए आपको कुछ स्पेट करनी चाहिए जिसे नीचे बताया गया है।

  • म्यूचुअल फंड कंपनी का चयन करें कंपनी की पिछले कुछ सालों के performance के आधार पर चयन कर सकते हैं।
  • फंड का चयन करें। बहुत सारे फंड विकल्प में आपको मिलेंगे।

इन सबमें महत्वपूर्ण तो कंपनी सेलेक्ट करना होता है। उसके बाद फंड सेलेक्ट करना होता है। कितने सालों के लिए, कितना रुपैया कितना रिटर्न मिलेगा, अगर 20 सालों में आपका रुपैया डबल हो रहा है।

तो और भी दूसरे विकल्प पर ध्यान देना चहिए जैसे अगर इस रुपैया का गोल्ड खरीद कर रख दें या किसी प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कर दें। या कोई सरकारी बॉन्ड खरीद लें तो क्या होगा ? क्योंकि प्रॉपर्टी और सरकारी बॉन्ड में रिस्क न के बराबर होता है।

इसी कंपनी के म्यूच्यूअल फंड खरीद रहें हैं तो उसका सभी टर्म और कंडीशन पढ़े और उस टर्म और कंडीशन वाले डॉक्यूमेंट को संभाल कर रखें।

ये भी देखें की तय सीमा से पहले भी रुपैया निकाल सकते हैं या नहीं? अगर निकाल सकते हैं तो कितना मिलेगा वह सारी जानकारी। क्योंकि सभी म्यूच्यूअल फंड कंपनी का नियम एक जैसा नहीं होता है।

म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) का लाभ

म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने से बहुत सारे लाभ मिलते हैं। लेकिन हानि भी हो सकती है।

  • म्यूच्यूअल फंड आपको विभिन्न प्रकार के इन्वेस्ट का विकल्प प्रदान करता है, जो आपके निवेश के लक्ष्यों और रिस्क प्रोफाइल के अनुसार अनुकूल होते हैं।
  • आमतौर पर, म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के लिए आपको कुछ धनराशि का जमा करना होता है। इस राशि को आप अपनी आर्थिक योग्यता और लक्ष्यों के अनुसार चुन सकते हैं।
  • म्यूच्यूअल फंड कंपनियां निवेश विकल्पों को विश्वसनीय रूप से प्रबंधित करती हैं, जिसमें वे निवेश के लक्ष्य और रिस्क प्रोफाइल को ध्यान में रखते हुए निवेश करती हैं।
  • म्यूच्यूअल फंड कंपनियां निवेशकों को विस्तृत रूप से निवेश के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं, जैसे कि उनके निवेश पोर्टफोलियो का विवरण, निवेश के लक्ष्य इत्यादि।

म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) की हानि 

ऐसी बात नहीं है म्यूच्यूअल फंड के सिर्फ लाभ ही होते हैं। इससे हानि भी हो सकते हैं।

  • म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के लिए शुल्क लग सकते हैं, जैसे कि निवेशक ने निवेश करने के लिए निम्नलिखित शुल्कों का भुगतान किया हो सकता है: निवेशक शुल्क, निवेश फंड के शुल्क और सेवा शुल्क। इन शुल्कों से निवेशक के पैसे कटते हैं और उनके रिटर्न पर असर पड़ सकता है।
  • म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने से पहले उनके निवेश विकल्पों का ध्यान से अध्ययन करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। निवेशकों को ध्यान रखना होता है कि कुछ निवेश विकल्पों में उच्च रिस्क शामिल हो सकता है जो निवेशकों को पैसे का नुकसान भी करा सकता है।
  • म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने से कोई आयकर छूट या निवेश के लिए कोई गारंटी नहीं होती है। निवेशक को अपने निवेश के लिए स्वयं जिम्मेदार होना होता है।

म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) में सबसे अच्छी कंपनी कौन सी है ?

इंडिया में कौन-सी म्यूचुअल फंड कंपनी अच्छी और विश्वसनीय है।

इसके बारे में आप रिसर्च कर कर सकते हैं। मेरा तो मानना यह है कि आप रिसर्च करें मैं कुछ कंपनी का नाम नीचे दे रहा हूँ।

इसका मतलब यह नहीं है कि यह अच्छे रिटर्न्स देगें आप घाटे में कभी नहीं रहेंगे।

अगर आप कोई कंपनी चुन रहें हैं तो सबसे पहले उसका बैक-ग्राउंड चेक करें ।

गूगल न्यूज़ में जाकर उस कंपनी के बारे में चेक करें ताकि जो नई खबर उस कंपनी की होगी आप जान जाएंगे।

बहुत ज्यादा रिटर्न्स देने वाली कंपनी को भी नहीं चुनना चाहिये। क्योंकि बहुत ज्यादा रिटर्न्स देने वाले कंपनी में जोखिम भी ज्यादा होते हैं।

म्यूच्यूअल फंड निवेश एक उच्च जोखिम का काम है, इसलिए किसी एक सबसे अच्छी कंपनी को चुनना आसान नहीं है।

बाजार के पांच वर्षों के प्रदर्शन, विभिन्न निवेशकों की आवश्यकताओं और विभिन्न मुद्राओं और शेयरों के लिए विभिन्न निवेशकीय दृष्टिकोणों के आधार पर निवेशकों को म्यूच्यूअल फंड चुनना चाहिए।

कुछ महत्वपूर्ण तत्व हैं जो निवेशकों को अच्छी म्यूच्यूअल फंड की खोज में मदद कर सकते हैं, जैसे फंड के निवेश विधि, निवेशकों के प्रबंधन दल का दक्षता स्तर, फंड के निवेशकों की आवश्यकताओं का संगठन, फंड की अधिकतम राशि, फंड की क्षमता और वित्तीय प्रबंधन के दृष्टिकोण से इत्यादि।

फिर भी, कुछ महत्वपूर्ण म्यूच्यूअल फंड कंपनियों के नाम हैं जो निवेशकों के लिए लोकप्रिय हैं और उनके प्रदर्शन का समर्थन किया जाता हैं। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

इसके अलावा भी बहुत सारे म्यूच्यूअल फंड कंपनियां हैं।

निवेश करने से पहले निवेशकों को अपनी आवश्यकताओं और निवेश लक्ष्यों के आधार पर उनके लिए सही म्यूच्यूअल फंड कंपनी का चयन करना चाहिए।

म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) कितने साल तक रखना चाहिए ?

म्यूच्यूअल फंड कितने साल तक रखना चाहिए ? यह सवाल सभी निवेशक के मन में जरूर आता है। 

म्यूच्यूअल फंड की निवेश अवधि निवेशकों की आवश्यकताओं और निवेश के लक्ष्यों पर निर्भर करती है। निवेशकों को निवेश के लक्ष्यों के आधार पर निवेश की अवधि तय करनी चाहिए।

अधिकांश म्यूच्यूअल फंड कंपनियां लंबी अवधियों के लिए निवेश की सलाह देती हैं। निवेशकों को कम से कम 3-5 साल के लिए निवेश (इन्वेस्टमेंट) की सलाह दी जाती है। हालांकि, निवेशकों को अपने निवेश के लक्ष्यों, उनके वित्तीय उद्देश्यों, उनकी आयु, उनके निवेश विचारों, उनकी निवेश क्षमता और उनके निवेश के अन्य पहलुओं पर निर्भर करता है कि वे निवेश को कितने समय तक रखना चाहते हैं।

इसलिए, निवेशकों को अपनी आवश्यकताओं और निवेश लक्ष्यों के आधार पर निवेश की अवधि तय करना चाहिए। यदि उनका लक्ष्य लंबी अवधि का निवेश है, तो उन्हें अपने निवेश को कम से कम 5 साल तक रखना चाहिए।

1 साल में म्यूच्यूअल फंड कितना रिटर्न देता है ?

म्यूच्यूअल फंड का रिटर्न प्रत्येक फंड के विभिन्न होता है और इसमें विभिन्न कारकों का भी प्रभाव होता है। फंड के निवेशकों के लक्ष्य, फंड के प्रबंधकों की दक्षता और बाजार की स्थिति जैसे कुछ मुख्य कारक होते हैं जो इस प्रश्न का उत्तर देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आमतौर पर, म्यूच्यूअल फंड से एक वर्ष के लिए रिटर्न के आधार पर निर्णय लेना समझौता नहीं होता है, क्योंकि फंड का प्रदर्शन अधिकतम समय अवधि में निर्धारित होता है।

अधिकतम फायदे के लिए, एक निवेशक को दीर्घकालिक निवेश करने और फंड का प्रदर्शन समय के साथ समझौते करने की आवश्यकता होती है।

म्यूच्यूअल फंड का रिटर्न 1 साल में अलग-अलग होता है और यह फंड के निवेश की विभिन्न प्रतिबंधिताओं और बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है।

उदाहरण के लिए, कुछ म्यूच्यूअल फंड पिछले 1 साल में 10% तक का रिटर्न दे सकते हैं, जबकि कुछ अन्य फंड अधिक या कम रिटर्न दे सकते हैं।

फंड के पोर्टफोलियो में कितना निवेश किया गया है, उसके निवेश के दौरान कितना रिस्क लिया गया था, फंड मैनेजर का निवेश अनुभव और बाजार की स्थिति – जैसे कि दर और सेक्टर ट्रेंड – सभी इस पर प्रभाव डालते हैं।

फंड की अंतिम रिटर्न दर की जानकारी पाने के लिए, आप फंड के फैक्टशीट या वेबसाइट पर जाकर उसके पिछले वर्ष के रिटर्न को देख सकते हैं।

म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) में पैसा कब लगाएं ?

म्यूच्यूअल फंड में पैसा लगाने के लिए, आपको सबसे पहले फंड हाउस या वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए। उन्हें अपनी आवश्यकताओं, लक्ष्यों, निवेश होराहे फंड के दृष्टिकोण से बताएं।

जब आप निवेश के लिए तैयार हों, तो आप ऑनलाइन या ऑफ़लाइन फंड हाउस के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। आप अपनी पसंद के म्यूच्यूअल फंड को चुन सकते हैं और फंड में निवेश करने के लिए एक निवेश प्रस्ताव का भाग बन सकते हैं।

आपको अपने लक्ष्यों, निवेश विकल्पों, वित्तीय स्थिति और निवेश करने की शुरुआत के लिए दिए गए समय अवधि को मध्यस्थ रखते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप इसे लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं।

आमतौर पर, यदि आप लंबे समय तक निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो SIP (Systematic Investment Plan) जैसे योजनाओं के माध्यम से निवेश करते हैं।

आप जब भी पैसा निवेश करते हैं, उस समय बाजार के स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करना उतना ही महत्वपूर्ण होता है।

अगर बाजार उछाल रहा है, तो आप एक समझौते की स्थिति में होते हुए भी बहुत ज्यादा पैसा नहीं लगाना चाहिए। इसके बजाय, यदि बाजार डूब रहा है, तो आप निवेश करने की सोच सकते हैं, इससे आपको उच्च रिटर्न की संभावना होती है।

एक तरीका है कि आप नियमित अंतराल में निवेश करते रहें। उदाहरण के लिए, आप हर महीने या हर तीसरे महीने में एक स्थिर राशि निवेश कर सकते हैं। इससे आपके निवेश को बाजार के स्थिति से परेशान नहीं होना पड़ेगा और आपको समय बर्बाद करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।

म्यूचुअल फंड में कितने दिन में पैसा डबल होता है?

म्यूच्यूअल फंड में पैसा डबल होने का समय निर्भर करता है उस फंड के इन्वेस्टमेंट का विकास और बाजार की स्थिति पर।

कुछ म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश के दौरान 5-7 साल में पैसा डबल होने की संभावना होती है, जबकि कुछ अन्य म्यूच्यूअल फंड इससे कम समय में या ज्यादा समय लेते हुए पैसा डबल कर सकते हैं।

इसलिए, म्यूच्यूअल फंड में निवेश करते समय पैसे डबल होने की उम्मीद न रखें बल्कि इन्वेस्टमेंट के लक्ष्य और समय-सीमा के अनुसार निवेश करें।

क्या मैं म्यूचुअल फंड में ₹1000 निवेश कर सकता हूं ?

हाँ, आप म्यूचुअल फंड में ₹1000 निवेश कर सकते हैं। कुछ म्यूचुअल फंड की न्यूनतम निवेश राशि ₹1000 या उससे भी कम होती है।

आप अपनी आय और निवेश की योग्यता के आधार पर उचित म्यूचुअल फंड चुन सकते हैं।

यदि आपने पहले कभी म्यूचुअल फंड में नहीं निवेश किया है, तो आपको अपने निवेश के लिए एक डीमैट खाता खोलना होगा जिसमें आप निवेश कर सकते हैं।

ध्यान रखें कि म्यूचुअल फंड निवेश का एक रिस्क होता है और निवेश के दौरान आपका पूंजी का मूल्य घट सकता है।

इसलिए, संभवतः आपको अपने निवेश से पहले अच्छी तरह से अपनी आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए और सलाह लेनी चाहिए।

सबसे अच्छा इन्वेस्टमेंट कौन सा है ?

सबसे अच्छा निवेश करने का तरीका व्यक्ति के वित्तीय लक्ष्यों, निवेश करने की अवधि, रिस्क टोलरेंस और वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है।

यह एक व्यक्ति के निवेश के लक्ष्यों और आर्थिक विवेक पर भी निर्भर करता है। कुछ सामान्य निवेश विकल्प निम्नलिखित हैं ।

  • शेयरों में निवेश करना एक अच्छा निवेश विकल्प हो सकता है, जिसमें आप एक निश्चित समयावधि के लिए एक शेयर खरीदते हैं और उसे उच्च मूल्य पर बेचते हैं। इसके अलावा, ध्यान रखें कि शेयर बाजार उतार-चढ़ावों के साथ चलता है और इसमें निवेश करने से पहले अध्ययन करना चाहिए।
  • बैंक आश्वासन योजनाएं एक सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकता हैं। इनमें निवेशक एक निश्चित अवधि तक निवेश करते हैं और वे अपनी निवेश राशि पर एक निश्चित दर से ब्याज प्राप्त करते हैं।
  • म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प हो  सकता है। अगर आपके पास उतनी समय नहीं है या जानकारी का अभाव है तो।

म्यूच्यूअल फंड टूट जाता है तो क्या होता है ?

अगर कोई म्यूचुअल फंड टूट जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि फंड के पोर्टफोलियो में शामिल शेयरों की कीमतें नीचे आ गई हैं और निवेशकों के पास नुकसान हो गया है।

फंड का वैल्यू गिरने से भी नुकसान होता है और यदि आप निवेश की धनवृद्धि की उम्मीद कर रहे थे तो यह आपके लक्ष्य से दूर हो जाता है।

कोई म्यूचुअल फंड टूट जाता है, तो निवेशकों को उस फंड से पैसे वापस मिल सकते हैं।

लेकिन, इसमें एक कारण होना जरूरी है, जैसे कि फंड के विशेष उद्देश्य या प्रबंधक की कमजोरी आदि। आमतौर पर, एक म्यूचुअल फंड के टूट जाने की संभावना बहुत कम होती है यदि आप एक अच्छी कंपनी के फंड में निवेश करते हैं और अपने निवेश के लिए ध्यानपूर्वक रिसर्च करते हैं।

क्या म्यूचुअल फंड में जोखिम होता है ? 

हाँ, म्यूचुअल फंड में जोखिम होता है। म्यूचुअल फंड निवेश करने के लिए बहुत सारे विकल्प होते हैं, जिनमें से प्रत्येक के साथ कुछ जोखिम जुड़ा होता है।

उदाहरण के लिए, एक शेयर मार्केट फंड में निवेश करने से आप आपके निवेश के पूर्ण मूल्य को खो सकते हैं, अगर शेयर मार्केट में गिरावट होती है। इसी तरह, अन्य निवेश के विकल्प भी अपने जोखिम से अछूता नहीं होता है।

म्यूच्यूअल फंड एजेंट को कितना कमीशन मिलता है ?

म्यूच्यूअल फंड एजेंट को उस फंड के निवेशकों से निवेश करवाने और फंड हाउस से कमीशन मिलता है।

इस कमीशन की दर फंड के प्रकार, निवेशकों के निवेश के राशि, निवेश के समय आदि पर निर्भर करती है।

आमतौर पर, म्यूच्यूअल फंड एजेंट को निवेश के राशि का 1% से 2.5% तक कमीशन मिलता है। इसके अलावा, फंड हाउस से भी कमीशन मिलता है, जो आमतौर पर निवेश के राशि का 0.5% से 1% होता है।

इसलिए, कुल मिलाकर, म्यूच्यूअल फंड एजेंट को निवेश के राशि के 1.5% से 3.5% तक कमीशन मिलता है।

यह ध्यान देने वाली बात है कि, कमीशन की दर अलग-अलग म्यूच्यूअल फंड के लिए भिन्न हो सकती है और यह निवेशकों के निवेश के अवधि पर भी निर्भर करती है।

कितने मैचुअल फंड में निवेश करना चाहिए ?

म्यूच्यूअल फंड में निवेश की संख्या का निर्णय निवेशक के निवेश के लक्ष्य, निवेशक के निवेश के अवधि और निवेशक की वित्तीय योग्यता पर निर्भर करता है।

अगर निवेशक का निवेशक के लक्ष्य एक होता है तो एक ही म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना उचित हो सकता है।

लेकिन यदि निवेशक अपनी निवेश पोर्टफोलियो को विस्तृत करना चाहता है तो वह अलग-अलग फंड में निवेश कर सकता है।

एक सामान्य नियम के रूप में, निवेशकों को कम से कम 2-3 अलग-अलग फंड में निवेश करना चाहिए।

यह निवेशक को वित्तीय सुरक्षा देता है क्योंकि अगर किसी एक फंड की प्रदर्शन अच्छी नहीं है तो उसके बाद दूसरे फंडों से मुनाफा कमाया जा सकता है।

इसलिए, निवेशक को अपनी वित्तीय योग्यता के आधार पर अपनी निवेश पोर्टफोलियो का चयन करना चाहिए।

निवेशकों को अपनी निवेश की राशि का केवल एक निश्चित हिस्सा म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना चाहिए।

म्यूच्यूअल फंड कब कितनी सुरक्षित है ?

म्यूच्यूअल फंड एक सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकता है, लेकिन इसकी सुरक्षा निवेश के विभिन्न पहलुओं पर निर्भर करती है।

म्यूच्यूअल फंड के निवेशकों को अपने निवेश के लिए ब्रोकर का सहारा लेना होता है, जो फंड के पोर्टफोलियो को निर्वाह करता है और निवेशकों की सलाह देता है।

इसलिए, म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने से पहले ब्रोकर की पृष्ठभूमि और उसके द्वारा प्रबंधित फंड के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए। निवेशकों को अपनी निवेशक रिश्ते विवेकपूर्वक चुनने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा, म्यूच्यूअल फंड कंपनियों को संचालित करने के लिए सेबी जैसी अधिकारिक नियंत्रक संगठन भी होते हैं जो इस बात की जांच करते हैं कि फंड कंपनियां निवेशकों के हित में काम कर रही हैं।

इसलिए, म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने से पहले ब्रोकर और फंड कंपनी की समीक्षा करने के साथ सेबी के नियमों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।

म्यूच्यूअल फंड ब्रोकर पैसे कैसे कमाते हैं ?

म्यूच्यूअल फंड ब्रोकर अपने सेवाओं के विरोध में एक निश्चित प्रतिशत कमीशन प्राप्त करते हैं, जो निवेशकों द्वारा निवेश किए गए धन के आधार पर होता है। यह कमीशन निवेशकों के निवेश के मूल्य पर निर्भर करता है।

जैसे कि, यदि आप म्यूच्यूअल फंड ब्रोकर के द्वारा निवेश करते हैं और आपका निवेशका निवेश का मूल्य 1 लाख रुपये है, तो ब्रोकर को उस निवेश पर 1% कमीशन देना होगा। इसलिए, ब्रोकर को 1000 रुपये कमीशन मिलेगा।

इसके अलावा, ब्रोकर को निवेशकों के लिए म्यूच्यूअल फंड से संबंधित सलाह देने और उन्हें सही म्यूच्यूअल फंड का चयन करने में मदद करने के लिए भी कमीशन मिलता है।

यदि निवेशकों का निवेश लंबे समय तक बना रहता है, तो ब्रोकर को निवेशकों के पुनर्निवेश करने पर भी कमीशन मिलता है। इसलिए, लंबे समय तक निवेश करने से निवेशकों के और ब्रोकर के बीच कमीशन का संबंध और भी गहरा हो जाता है।

व्यापार नॉलेज :-

1.शेयर मार्केट क्या होता है (Stock Market)

2.ट्रेडिंग कैसे करें और क्या होता है (Trading)

3. म्यूच्यूअल फंड क्या होता है (Mutual Fund)

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