शेयर मार्केट एक वित्तीय बाजार होता है जहां पर संगठित (एक साथ) रूप से कंपनियों के शेयरों का विनिमय (खरीद-बिक्री) होता है। इसमें लोग शेयर खरीदते और बेचते हैं ताकि उनके लिए कंपनी का मालिकाना हिस्सा बन जाए और वे कंपनी के लाभ या हानि के हिसाब से वापसी प्राप्त कर सकें। इस मार्केट में शेयरों के मूल्य निर्धारित होते हैं जो उनकी मांग और आपूर्ति के आधार पर बदलते रहते हैं।
Table of Contents
- शेयर मार्केट एक आर्थिक विकास का मापदण्ड भी होता है जो देश के आर्थिक स्थिति को बताता है।
- शेयर मार्केट के माध्यम से कंपनियों को पूंजी मुद्रा की आवश्यकताओं को पूरा करने और विस्तार के लिए आवश्यक धन प्राप्त होता है।
- इसके अलावा, शेयर मार्केट कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है जिसके माध्यम से वे अपने विभिन्न प्रोजेक्टों के लिए पूंजी उठा सकती हैं।
- शेयर मार्केट में शेयर खरीदने वालों को अपनी निवेश योजनाओं के अनुसार विभिन्न कंपनियों के शेयर खरीदने का मौका मिलता है। यह निवेशकों के लिए एक मुनाफेवाला तथा लंबे समय तक विकसित होने वाला विकल्प हो सकता है।
- शेयर मार्केट का उद्देश्य कंपनियों को निधि के लिए संचारित पूंजी उपलब्ध कराना होता है, जो उन्हें उनके विभिन्न विकास और नए परियोजनाओं के लिए उपयोग करने में मदद करता है।
शेयर मार्केट में बाजार
शेयर मार्केट के तीन प्रमुख सेगमेंट होते हैं – प्राथमिक बाजार, द्वितीयक बाजार और निवेशक बाजार।
1.प्राथमिक बाजार में, नई कंपनियों के शेयरों को उपलब्ध कराया जाता है जो पहली बार शेयर मार्केट में शामिल होती हैं।
2.द्वितीयक बाजार में, प्राथमिक बाजार से शेयरों को खरीदकर और बेचकर उनसे लाभ कमाया जाता है।
3.निवेशक बाजार में, शेयरों के बाजार मूल्यों के अनुसार खरीद-बिक्री करने के लिए अनुमति होती है।
स्टॉक मार्केट में कंपनी पहली बार कैसे लिस्ट की जाती है
कंपनियों को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों और नियमकों का पालन करना होता है। निम्नलिखित हैं कुछ महत्वपूर्ण चरण जो कंपनियों को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करने में मदद कर सकते हैं:
लीगल कॉम्प्लायंस: कंपनियों को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करने से पहले, उन्हें सभी लीगल कॉम्प्लायंस को पूरा करना होगा। कंपनी को संचालित करने के लिए निर्धारित नियमों और विधियों का पालन करना होता है।
फाइनेंशियल डिस्क्लोजर: कंपनियों को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करने से पहले उन्हें अपने वित्तीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करना होगा। यह वित्तीय दस्तावेजों में उनकी आर्थिक स्थिति, उद्यम की गतिविधियों और उनके परिणाम आदि शामिल होते हैं।
आईपीओ (IPO): कंपनियों को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करने के लिए वे अक्सर आईपीओ (Initial Public Offering) का आयोजन करती हैं। इसमें कंपनी अपने शेयरों का नोटिस देती है जो उन्हें स्टॉक मार्केट में लिस्ट करने के लिए जुटाए जाते हैं। इसमें उन्हें स्थानिक और ग्लोबल मार्केट्स में इंटरेस्ट जुटाने का मौका मिलता है।
कंपनी शेयर कैसे जारी करता है ?
कंपनी शेयर जारी करने के लिए कंपनी एक इस्स्यू मैनेजर के साथ काम करती है। इस्स्यू मैनेजर एक बैंक या वित्तीय संस्था हो सकता है, जो कंपनी के शेयर इस्सू करने के लिए अधिकृत होता है।
इस्स्यू मैनेजर द्वारा शेयर इस्सू करने की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों से गुजरती है:
पहले, कंपनी को एक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी जिसमें कंपनी का नाम, कंपनी का पता, बिजनेस की विवरण और शेयर इस्सू करने के लिए कंपनी की आवश्यकताएं शामिल होती हैं।
इसके बाद, इस्स्यू मैनेजर कंपनी के शेयर इस्सू के लिए एक ड्राफ्ट प्रस्तुत करता है। ड्राफ्ट में शेयर की मुख्य जानकारियां जैसे कि मूल्य, मात्रा, अवधि और शेयर विवरण होते हैं।
उसके बाद, शेयर इस्सू के लिए अधिकृत आवेदन को इस्स्यू मैनेजर द्वारा SEBI (Securities and Exchange Board of India) के पास प्रस्तुत किया जाता है।
SEBI द्वारा शेयर इस्सू की अनुमति दी जाने के बाद, कंपनी शेयर इस्सू के लिए अधिकृत होता है।
विश्व के प्रमुख स्टॉक मार्केट
विश्व भर में कई स्टॉक मार्केट हैं। ये मार्केट देश और क्षेत्र के अनुसार विभाजित होते हैं।
1.न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) :न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) विश्व का सबसे बड़ा एक्सचेंज है जो अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित है। इसमें विभिन्न वित्तीय संस्थाएं, बैंक, पूंजीवादी, बीमा कंपनियां और अन्य संस्थाओं के शेयरों का व्यापार किया जाता है। NYSE में कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 28 ट्रिलियन डॉलर है जो इसे विश्व का सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट बनाता है। NYSE के स्थायी बुलिशियों द्वारा उच्च और निम्न मुद्रा बनाए जाते हैं जो स्टॉक मार्केट में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
2.नसद्क (NASDAQ) : नसद्क (NASDAQ) एक अमेरिकी स्टॉक मार्केट है जो अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित है। NASDAQ विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और इसमें वित्तीय संस्थाओं, टेक्नोलॉजी कंपनियों और अन्य संस्थाओं के शेयरों का व्यापार किया जाता है। NASDAQ में टेक्नोलॉजी संबंधित कंपनियों के शेयरों का व्यापार अधिक होता है। NASDAQ में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यापार किया जाता है, जिससे कारोबार का निर्वाह तेज़ होता है। NASDAQ में कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 19 ट्रिलियन डॉलर है जो इसे विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट बनाता है।
3.टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज (TSE) : टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज (TSE) जापान का प्रमुख स्टॉक मार्केट है जो टोक्यो में स्थित है। यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। TSE में करीब 3,700 से अधिक कंपनियों के शेयरों का व्यापार होता है जिसमें वित्तीय संस्थाएं, विनिर्माण, बिक्री, परिवहन, ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और अन्य क्षेत्रों की कंपनियां शामिल होती हैं। TSE में कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन की गिनती करने पर इसकी कुल राशि करीब 7.5 ट्रिलियन डॉलर होती है जो इसे विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट बनाता है। TSE में उच्च और निम्न मुद्रा दरें भी तय की जाती हैं जो कंपनियों की प्रदर्शन को मापती हैं और इसे स्थायी बुलिशियों द्वारा निर्धारित किया जाता है।
4.शंघाई स्टॉक एक्सचेंज (SSE) : शंघाई स्टॉक एक्सचेंज (SSE) चीन का एक मुख्य शेयर बाजार है। यह शंघाई, चीन में स्थित है और चीन के दूसरे बड़े शेयर बाजार, शेंजेन स्टॉक एक्सचेंज (SZSE) के साथ मिलकर, चीन की द्वितीय सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज है। SSE में आमतौर पर शंघाई के बड़े कंपनियों और वित्तीय संस्थाओं की सूची होती है। यह शेयरों के व्यापक वित्तीय उपकरणों जैसे कि शेयरों, बॉन्डों, मुद्राओं आदि के लिए मार्केट प्रदान करता है। SSE की स्थापना 1990 में हुई थी और वर्तमान में इसमें लगभग 1600 से अधिक कंपनियां शामिल हैं।
5.होंगकॉंग स्टॉक एक्सचेंज (HKEX) :
होंगकॉंग स्टॉक एक्सचेंज (HKEX) होंगकॉंग में स्थित एक मुख्य शेयर बाजार है। HKEX एक अनुभवी बाजार है जो अपने संशोधित नियमों और अनुशासन के लिए जाना जाता है।
HKEX में शेयरों, फ्यूचर्स, ऑप्शन्स, एटीएफ (Exchange Traded Funds), बॉन्ड्स और अन्य वित्तीय उपकरणों का मार्केट होता है।
यह शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के लिए एक आवासीय बाजार है जिसमें बहुत सारी दुनिया भर से कंपनियां शामिल हैं। HKEX अपनी स्थापना 1891 में हुई थी और अब तक यह दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजारों में से एक है।
यह सबसे ज्यादा ट्रेड वॉल्यूम वाले शेयर बाजारों में से एक है और अब तक इसमें 2,000 से अधिक कंपनियां सूचीबद्ध हैं।
6. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) :
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज है और वर्तमान में भारत के तीसरे सबसे बड़े शेयर बाजारों में से एक है। BSE भारत में स्थित है और शेयरों, बॉन्डों, मुद्राओं और अन्य वित्तीय उपकरणों का मार्केट प्रदान करता है।
BSE का संगठन 1875 में हुआ था। इसे विश्व के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज में से एक के रूप में माना जाता है। BSE अपने सूचीबद्ध कंपनियों को सेंसेक्स नामक एक भारतीय अंक से सम्मिलित करता है। सेंसेक्स एक मूल्य आधारित सूचक है जो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली सूचक है।
BSE में कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है और वह भारत के कुल अनुमानित मार्केट कैपिटलाइजेशन का लगभग 5-6% आवंटित करता है।
7.नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE) : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE) भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और भारतीय शेयर बाजारों की सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट प्रदान करता है। NSE का संगठन 1992 में हुआ था और वर्तमान में यह भारत का सबसे लोकप्रिय शेयर बाजार है।
NSE अपनी सूचीबद्ध कंपनियों को निफ्टी नामक एक भारतीय अंक से सम्मिलित करता है। निफ्टी एक मूल्य आधारित सूचक है जो भारतीय शेयर बाजारों की सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली सूचक है। NSE शेयर बाजार में शेयरों, बॉन्डों, मुद्राओं, डेरिवेटिव उपकरणों, ETFs और अन्य वित्तीय उपकरणों के मार्केट का प्रबंधन करता है।
NSE में कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है और वह भारत के कुल अनुमानित मार्केट कैपिटलाइजेशन का लगभग 80% आवंटित करता है।
इसके अलावा भी कई और स्टॉक मार्केट हैं।
शेयर मार्केट कैसे चलता है ?
शेयर मार्केट में शेयर खरीदने या बेचने के लिए आमतौर पर लोग दलालों की मदद लेते हैं जो शेयर खरीदते या बेचते समय कमीशन लेते हैं। शेयर मार्केट में शेयरों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सेबी (Securities and Exchange Board of India) जैसे शेयर बाजार के नियामक एजेंसियां होती हैं जो शेयर मार्केट के कार्यक्रमों को नियंत्रित करती हैं।
शेयर मार्केट में शेयरों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न समाचार, आर्थिक और राजनीतिक विकास, और कंपनी के आर्थिक परफॉर्मेंस के आधार पर फैसले लिए जाते हैं।
1 शेयर का मतलब क्या होता है ?
एक शेयर एक कंपनी के हिस्सेदारों को उस कंपनी के निलंबित पूंजी के अनुसार एक निश्चित राशि का हिस्सा देता है। शेयर की कीमत उस कंपनी की प्रदर्शिति, मांग और आपूर्ति, आर्थिक और राजनीतिक घटनाओं आदि के आधार पर निर्धारित की जाती है। शेयर खरीदने के बाद, शेयरधारक उस कंपनी के अधिकारों और लाभों का हिस्सेदार बन जाते हैं, जैसे उस कंपनी के लाभ का हिस्सा, अधिकार वोट डालने का, आदि।
शेयर मार्केट में एक कंपनी के शेयरों की मूल्यांकन उस कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है जैसे कि उस कंपनी के आय का निर्धारण करके, उसकी लागतों का अनुमान लगाकर, उसकी स्थिरता और अवकाशकाल का अध्ययन करके आदि।
शेयर बाजार का काम कैसे सीखें ?
शेयर बाजार के बारे में सीखना एक बड़ी चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, लेकिन यह भी एक बहुत ही रोचक और उत्तेजना भरा काम है। शेयर बाजार सीखने के लिए निम्नलिखित कुछ सुझाव दिए गए हैं।
बुनियादी जानकारी सीखें: शेयर बाजार के बारे में सीखने के लिए सबसे पहले बुनियादी जानकारी सीखना आवश्यक होता है। आपको शेयर के प्रकार, शेयर बाजार के नियम, शेयर की कीमत के निर्धारण के तरीके और शेयर बाजार में निवेश के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों के बारे में जानना चाहिए।
अध्ययन करें: शेयर बाजार के बारे में अधिक जानने के लिए आप विभिन्न वेबसाइटों, बुक्स और ब्लॉग्स पढ़ सकते हैं। अपनी जानकारी को बढ़ाने के लिए आप शेयर बाजार के उद्योग एक्सपर्टों से बातचीत कर सकते हैं।
वाणिज्यिक मीडिया का उपयोग करें: आप न्यूज़पेपर, बिजनेस समाचार चैनल, फोरम और ब्लॉग्स का उपयोग करके वर्तमान में शेयर बाजार की स्थित जान सकते हैं।
शेयर बाजार में पैसे कैसे कमाए जाते हैं ?
शेयर बाजार में पैसे कमाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग किया जाता है:
लंबे समय तक निवेश करें: शेयर बाजार में निवेश के लिए सबसे लोकप्रिय तरीका है लंबे समय तक निवेश करना। यह आपको बढ़ती हुई कंपनियों के साथ आरामदायक रहता है और आपको अच्छे रिटर्न देता है।
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग: शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग शेयर बाजार में पैसे कमाने के दूसरे सुझाव है। इसमें, आप शेयर खरीदकर उसे बेचते हैं जब उसकी कीमत बढ़ती है। यह ट्रेडिंग कम समय में ज्यादा रिटर्न देता है, लेकिन यह बहुत ज्यादा रिस्की होता है।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग करें: डीमैट अकाउंट शेयर खरीदने और बेचने के लिए जगह होती है और ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग ट्रेडिंग करने के लिए होता है। ये आपके निवेश को अधिक आसान बनाते हैं और आपको विभिन्न शेयरों में निवेश करने की अनुमति देते हैं।
शेयर खरीदने का सही समय क्या है ?
शेयर बाजार में शेयर खरीदने के सही समय का निर्धारण करने के लिए विभिन्न तत्वों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है।
अर्थव्यवस्था की स्थिति: शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, आपको अर्थव्यवस्था की स्थिति को जांचना चाहिए। अगर अर्थव्यवस्था मजबूत है तो शेयर खरीदने के लिए सही समय होता है।
कंपनी के नतीजों का अध्ययन: शेयर खरीदने से पहले कंपनी के नतीजों का अध्ययन करना जरूरी होता है। अगर कंपनी के नतीजे अच्छे हैं और उसकी कंपनी दर अच्छी है, तो आप शेयर खरीदने के लिए सोच सकते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस: टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करके भी शेयर खरीदने के सही समय का निर्धारण किया जा सकता है। टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से आप चार्ट अनुशासन, मूल्य श्रृंखला और अन्य टेक्निकल तत्वों के माध्यम से शेयर के मूल्य में कमी और बढ़ोतरी को पहचान सकते हैं।
एक कंपनी के कितने शेयर खरीद सकते हैं ?
एक व्यक्ति एक कंपनी के शेयर की संख्या खरीद सकता है या अधिकतम शेयरों की सीमा जो वह खरीद सकता है वह निर्धारित करने वाली संबंधित कंपनी की नियमों और नियमावलियों पर निर्भर करता है। इसलिए, इस सवाल का उत्तर आपको अपनी इच्छानुसार शेयर खरीदने वाली कंपनी के नियमों और शर्तों के अनुसार जानना होगा।
अधिकतम शेयरों की सीमा की अनुमति दी गई हो तो भी, आपको विवेकपूर्वक अपनी वित्तीय स्थिति और निवेश के लक्ष्य के अनुसार यह फैसला लेना होगा कि आप कितने शेयर खरीदना चाहते हैं।
एक कंपनी में कितने शेयर होते हैं ?
एक कंपनी में शेयर की संख्या उसकी स्थापना के दौरान निर्धारित की जाती है। जब एक कंपनी शुरू होती है, तो उसके संस्थापकों द्वारा निर्धारित की जाने वाली एक मूल्य निर्धारित की जाती है, जो विभिन्न प्रकार के खरीददारों को शेयरों के रूप में बाँट दिया जाता है। यह मूल्य शेयर की मूल्य होती है जिसे “फेस वैल्यू” कहा जाता है।
इसलिए, शेयरों की संख्या कंपनी के आधारभूत फंडामेंटल्स पर निर्भर करती है, जैसे कि उसकी वित्तीय स्थिति, वित्तीय लेवरेज, वित्तीय नीतियां और स्थिरता। आमतौर पर, कंपनियों के शेयरों की संख्या कुछ हजार से कुछ लाख तक हो सकती है।
शेयर कैसे चलता है ?
शेयर बाजार में शेयर खरीदने या बेचने के लिए आपको एक ब्रोकर की सहायता लेनी होगी। एक ब्रोकर आपको शेयर खरीदने या बेचने के लिए आवश्यक विवरण और अनुमति प्रदान करेगा।
शेयर खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर को शेयर की मांग के समर्थन में आदेश देना होगा। यह आदेश बाजार में खरीददार के लिए उपलब्ध शेयरों की मूल्य विवरण के साथ दर्ज किया जाता है। जब आपके आदेश में खरीददार मिल जाता है, तो आपका खरीदा हुआ शेयर आपके डीमैट खाते में जमा किया जाता है।
शेयर बेचने के लिए आपको अपने ब्रोकर को बेचने के लिए आदेश देना होगा। बेचने के आदेश में शेयर की मांग के समर्थन में शेयरों के मूल्य विवरण के साथ दर्ज किया जाता है। जब आपके आदेश में एक खरीददार मिलता है, तो आपके डीमैट खाते से शेयर हटा दिए जाते हैं और उन्हें खरीददार के डीमैट खाते में जमा किया जाता है।
आप ऑनलाइन या ऑफलाइन अपने ब्रोकर से संपर्क कर सकते।
कंपनियां अपने शेयर क्यों खरीदती है ?
कंपनियां अपने शेयर खरीदने के लिए विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे कि:
शेयर प्रतिस्पर्धा में भाग लेना: कुछ कंपनियों को अपने शेयर खरीदने की जरूरत होती है ताकि वे अपने शेयर प्रतिस्पर्धा में भाग ले सकें। इसके लिए वे अपने शेयर की मांग बढ़ाते हैं और इससे उन्हें उच्च मूल्य और अधिक उपलब्धियों का फायदा होता है।
शेयर मूल्य को स्थिर रखना: कुछ कंपनियां अपने शेयर खरीदकर शेयर मूल्य को स्थिर रखने का प्रयास करती हैं। जब शेयर मूल्य कम होता है, तब कंपनी अपने शेयर खरीदकर उनके बाजार में विक्रय की मांग को घटाती है और मूल्य को स्थिर रखती है।
कर्मचारी उपलब्धियां: कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए उपलब्धियों के रूप में अपने शेयर खरीदती हैं। इससे कंपनी के कर्मचारियों को अपने कंपनी के सफलता में हिस्सेदार बनाया जाता है और इससे उन्हें लाभ प्राप्त होता है।
शेयर मार्केट में एक दिन में कितना कमा सकते हैं ?
शेयर मार्केट में एक दिन के कमाई में विभिन्नता होती है और यह निर्भर करता है कि आप कितना निवेश करते हैं और कितनी अच्छी निवेश रणनीति है। इसके अलावा, शेयर मार्केट भी बड़ी स्थिरता और उच्च उतार-चढ़ाव के साथ आता है।
उदाहरण के लिए, यदि आप शेयर मार्केट में 100 शेयर खरीदते हैं, जिनकी मूल्य सामान्यतः एक दिन में 10,000 रुपये होता है, तो अगले दिन उनका मूल्य बढ़ सकता है या उनका मूल्य घट सकता है। इसलिए आपकी कमाई या हानि शेयर मार्केट के उतार-चढ़ावों के आधार पर होगी।
शेयर मार्केट में कमाई का अधिकतम लाभ निवेश के समय और शेयर मूल्य के संबंध में उचित निर्णय लेने पर होता है। इसलिए, शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले अच्छी रूप से अध्ययन करना और संभवतः होने वाली हर संभावित घटना का अनुमान लगाना जरूरी होता है।
शेयर बाजार से करोड़पति कैसे बने ?
शेयर बाजार से करोड़पति बनने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके हैं जो आपको दूसरों से अलग बनाते हैं।
उचित निवेश करें: शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अच्छी तरह से अध्ययन करें और शेयरों की जानकारी हासिल करें। विशेष रूप से, एक उचित निवेश रणनीति बनाएं जो आपको बड़ी राशि निवेश करने में मदद करेगी।
धैर्य से काम लें: शेयर मार्केट उतार-चढ़ावों के साथ आता है और आपको कई बार थोड़ा धैर्य रखना होगा। इसलिए, शेयर बाजार में निवेश करते समय आपको धैर्य से काम लेना चाहिए।
रिसर्च के बाद ही निवेश करें: शेयरों के बारे में अच्छी तरह से अध्ययन करें और शेयर की रिसर्च करें। शेयर के मूल्य में निवेश करने से पहले उसकी कमाई, उद्योग, वित्तीय स्थिति आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
निवेश पोर्टफोलियो का निर्माण करें: एक उचित निवेश पोर्टफोलियो बनाएं।
शेयर खरीदने वाला व्यक्ति क्या कहलाता है ?
शेयर खरीदने वाला व्यक्ति को साधारण भाषा में शेयरहोल्डर कहा जाता है। जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदता है, तो उसे उस कंपनी के अधिकारों का हिस्सा मिलता है। शेयरहोल्डर शेयर बाजार के माध्यम से शेयर खरीदते हैं और यदि उनके पास किसी कंपनी के शेयर होते हैं, तो वे उस कंपनी के मालिक के रूप में गिने जाते हैं। शेयरहोल्डर के पास उस कंपनी के नुकसान और लाभ का भी हिस्सा होता है जिसमें वह निवेश करता है।
शेयर कितने प्रकार के होते हैं ?
शेयर कई प्रकार के होते हैं। यहां कुछ मुख्य शेयर के प्रकार दिए गए हैं:
आम शेयर: आम शेयर एक कंपनी के सामान्य शेयर होते हैं। ये शेयर एक कंपनी के पूर्ण संपत्ति और लाभ का हिस्सा होते हैं। इन शेयरों के धारकों को मतदान करने का अधिकार होता है।
अधिकार शेयर: अधिकार शेयर एक कंपनी के सामान्य शेयर से थोड़े अलग होते हैं। इन शेयरों के धारकों को कंपनी के सभी मतदान में भाग लेने का अधिकार होता है।
प्राथमिक शेयर: प्राथमिक शेयर एक नई कंपनी के शेयर होते हैं जो संगठित शेयर मार्केट में जाने के पहले जारी किए जाते हैं।
प्रीफरेंस शेयर: प्रीफरेंस शेयर उन शेयरों को कहते हैं जिन्हें उन शेयरों की तुलना में अधिक अधिकार मिलते हैं और इनके धारकों को लाभांश के लिए अधिक दावा करने का अधिकार होता है।
एफओ शेयर: एफओ शेयर नई कंपनियों के लिए जारी किए जाते हैं जो लोगों को उनकी कंपनी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
शेयर बेचने पर कितना चार्ज लगता है ?
शेयर बेचने पर चार्ज की राशि भिन्न-भिन्न होती है और यह आपके ब्रोकर द्वारा दिए गए खाते से कटता है। इसमें शामिल होने वाले मुख्य चार्ज निम्नलिखित होते हैं:
ब्रोकरेज चार्ज: इस चार्ज की राशि शेयर बेचने के दौरान ब्रोकर या वित्तीय सलाहकार द्वारा ली जाती है। इसकी राशि विभिन्न ब्रोकर फर्म्स के अनुसार भिन्न होती है और यह आमतौर पर शेयर की मूल्य के आधार पर निर्धारित की जाती है। इस चार्ज की राशि शेयर की मात्रा, ट्रांजैक्शन की संख्या और आपके ब्रोकर फर्म के नियमों पर भी निर्भर करती है।
डीमैट अकाउंट चार्ज: डीमैट अकाउंट चार्ज एक आवश्यक चार्ज होता है जो शेयर बेचने से पहले दिए गए शेयर डीमैट अकाउंट से कट जाता है। यह चार्ज अनुसार भी भिन्न होता है और यह आपके बैंक खाते के साथ डीमैट अकाउंट को एकसाथ रखने के लिए दिए गए सेवाओं के आधार पर भी निर्धारित किया जाता है।
टैक्स: शेयर बेचने पर टैक्स देने पड़ते हैं।
शेयर कब खरीदे और कब बेचे ?
शेयर बाजार में खरीदारी और बेचने का सही समय निम्नलिखित कुछ तत्वों पर निर्भर करता है:
कंपनी के आर्थिक और वित्तीय स्थिति का अध्ययन करें: शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले, आपको अपने निवेश के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कंपनी की आर्थिक और वित्तीय स्थिति का अध्ययन करना चाहिए। यह आपको कंपनी के वित्तीय संकेतों के आधार पर निवेश के फायदे और हानि की अनुमानित स्थिति तय करने में मदद करेगा।
चलते हुए मार्केट का अध्ययन करें: शेयर बाजार में निवेश करते समय आपको चलते हुए मार्केट का अध्ययन करना चाहिए। इससे आप शेयर मार्केट के ट्रेंड का अध्ययन कर सकते हैं और निवेश की स्थिति को आधार बनाकर निवेश कर सकते हैं।
समय का अध्ययन करें: शेयर मार्केट में निवेश करते समय समय के साथ सबसे महत्वपूर्ण तत्व में से एक समय होता है। आपको शेयर खरीदने या बेचने के सही समय का अध्ययन करना चाहिए। इसके लिए आप चलते हुए मार्केट का अध्ययन करें।
भारत में कितने शेयर बाजार हैं ?
भारत में कुछ मुख्य शेयर बाजार हैं, जिनमें इन तीन होंगे –
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE): यह भारत का सबसे पुराना और अधिकृत शेयर बाजार है जो 1875 में स्थापित किया गया था। इसमें 5000 से अधिक कंपनियों के शेयर लिस्ट हुए हैं।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE): यह भारत का सबसे बड़ा शेयर बाजार है, जो 1992 में स्थापित किया गया था। यह भारतीय शेयर बाजारों में सबसे लोकप्रिय है और इसमें भी 1600 से अधिक कंपनियों के शेयर लिस्ट हुए हैं।
इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज (India INX): यह भारत का सबसे नया शेयर बाजार है, जो 2017 में मुंबई में शुरू हुआ। यह विदेशी मुद्राओं के लिए शेयर बाजार है।
इन अलावा भारत में नैशनल कॉमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) आदि भी हैं जो कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए जाने जाते हैं।
व्यापार नॉलेज :-
1.शेयर मार्केट क्या होता है (Stock Market)