पूर्ण संख्या की शुरुआत 0 से होती है और अनन्त तक इसकी गिनती जाती है। जैसे 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ……… ,वहीं प्राकृतिक संख्या 0 से नहीं 1 से शुरू होती है । संख्या रेखा पर 0 और धनात्मक पूर्णांक संख्या पूर्ण संख्या होती है।
खासकर 0 को पूर्ण संख्या कहा जाना चाहिए। और बाकी 1,2,3,4,5…. को प्राकृतिक संख्या। लेकिन अकेले 0 का कुछ मूल्य नहीं है या कुछ अर्थ नहीं है (निरर्थक) है। इसलिए 0 और 0 के बाद सभी धनात्मक संख्याओं (1,2,3,4,5…) को भी पूर्ण संख्या कहा जाता है।
पूर्ण संख्या [ Whole Number]
प्राकृतिक संख्या के सेट में 0 शामिल करने पर पूर्ण संख्या का सेट बनता है। {0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8…..}
- प्राकृतिक संख्या के सेट में 0 शामिल करने पर पूर्ण संख्या का सेट बन जाता है।
- पूर्ण संख्या हमेशा धनात्मक संख्या होती है।
- सभी प्राकृतिक संख्या पूर्ण संख्या होता है। लेकिन सभी पूर्ण संख्या प्राकृतिक संख्या नहीं होता है।
- 0 को छोड़कर सभी पूर्ण संख्या, प्राकृतिक संख्या होती है।
- पूर्ण संख्या दशमलव, भिन्न, ऋणात्मक, रूट इत्यादि में नहीं होता है।
- किसी पूर्ण संख्या या प्राकृतिक संख्या में +1 जोड़ने पर आगे वाला पूर्ण संख्या प्राप्त होता है।
- किसी भी पूर्ण संख्या के आगे वाले संख्या को परवर्ती संख्या कहा जाता है। मतलब किसी संख्या में +1 जोड़ने पर उसका परवर्ती संख्या प्राप्त होता है।
- वहीं किसी पूर्ण संख्या में -1 जोड़ने पर (या 1 घटाने पर) उस पूर्ण संख्या का उत्तरवर्ती (पुरवर्ती संख्या ) प्राप्त होता है।
- 0 सबसे छोटी पूर्ण संख्या है।
- 0 का कोई उत्तरवर्ती पूर्ण संख्या नहीं होती है।
● पूर्ण संख्या (Whole Number) का उदाहरण
5 | पूर्ण संख्या है। |
0 | पूर्ण संख्या है। |
-7 | पूर्ण संख्या नहीं है, क्योंकि ऋणात्मक संख्या पूर्ण संख्या नहीं होता है। |
1/2 | पूर्ण संख्या नहीं है, क्योंकि कोई भी भिन्न संख्या पूर्ण संख्या नहीं होता है। |
4/2 | 4/2 = 2 यह पूर्ण संख्या है। |
√4 | √4 = 2 यह पूर्ण संख्या है। |
4 | 4 पूर्ण संख्या है। |
√3 | √3 पूर्ण संख्या नहीं है, क्योंकि कोई भी √ वाली संख्या पूर्ण संख्या नहीं होती है। |
.5 | .5 = 5/10 = ½, यह पूर्ण संख्या नहीं है। कोई भी आंशिक या दशमलव संख्या पूर्ण संख्या नहीं होता है। |
2.8 | 2.8 = 28/10 = 14/5, यह भी पूर्ण संख्या नहीं होगा। |
12 | 12 पूर्ण संख्या है। |
100 | 100 भी पूर्ण संख्या है। |
0 से 100 के बीच पूर्ण संख्याएं
0 | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 |
7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 |
14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 |
21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 |
28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 |
35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 |
42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 |
49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 |
56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 |
63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 |
70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 |
77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 |
84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 |
91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 |
98 | 99 | 100 |
-5 और 7 के बीच पूर्ण संख्या
-5 और 7 के बीच –5, -4, -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 संख्याएँ हैं। लेकिन यह सभी पूर्ण संख्या नहीं है। इनमें सिर्फ 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 ही पूर्ण संख्या होगी।
● पूर्ण संख्या का कुछ तथ्य
- सबसे छोटी पूर्ण संख्या 0 होता है।
- सबसे बड़ी पूर्ण संख्या अनन्त होगा।
- सबसे छोटी सम पूर्ण संख्या 0 है। क्योंकि 0 एक सम संख्या है।
- सबसे छोटी विषम पूर्ण संख्या 1 है।
- सबसे छोटी भाज्य पूर्ण संख्या 4 है।
- सबसे छोटीन अभाज्य पूर्ण संख्या 2 है।
- सबसे छोटी प्राकृतिक पूर्ण संख्या 1 है।
● पूर्ण संख्या का योज्य (जोड़) का नियम
पूर्ण संख्या में जोड़ का कुछ नियम होता है। यह हमेशा ध्यान में रखें कि यहाँ पूर्ण संख्याओं के घटाव का नियम लागू नहीं होता है। सिर्फ जोड़ का नियम ।
संवरक नियम
किसी भी दो पूर्ण संख्या का जोड़ हमेशा पूर्ण संख्या होगी। a + b = c, यहाँ a, b, और c सभी पूर्ण संख्याएँ हैं। आप इसके जगह कोई भी पूर्ण संख्या बैठकर देखें वह पूर्ण संख्या ही होगा।
जैसे :-
- 0 + 5 = 5
- 9 + 7 = 16
क्रमविनिमय नियम
किसी भी दो पूर्ण संख्याओं को जोड़ा जाए फिर इस पूर्ण संख्या को क्रम में उल्टा कर के जोड़ा जाए तो भी पूर्ण संख्या ही प्राप्त होगा । यह नियम क्रमविनिमय नियम कहलाता है। a + b = a + b
जैसे :-
- 0 + 7 = 7 + 0 ; 0 + 7 = 7, 7 + 0 = 7
- 6 + 3 = 3 + 6 ; 6 + 3 = 9, 3 + 6 = 9
साहचर्य नियम
किसी तीन पूर्ण संख्याओं में पहले दो पूर्ण संख्याओं को जोड़ा जाए फिर तीसरा को जोड़ा जाए। या अंतिम दो पूर्ण संख्याओं को जोड़ा जाए फिर शुरुआत के पूर्ण संख्या को जोड़ा जाए तो दोनों स्थिति में जोड़ने पर एक ही पूर्ण संख्या प्राप्त होती है। (a + b) + c = a + (b + c)
जैसे :-
- (3 + 2) + 4 = 3 + (2 + 4) ; (3 + 2) + 4= 9 और 3 + (2 + 4) = 9
- (5 + 0) + 1 = 5 + (0 + 1) ; (5 + 0) + 1 = 6 और 5 + (0 + 1) = 6
0 के साथ योज्य का नियम
किसी भी पूर्ण संख्या में 0 जोड़ने पर पूर्ण संख्या ही प्राप्त होता है। यह जोड़ के संवरक नियम से प्राप्त होता है। वैसे भी किसी संख्या में 0 (शून्य) जोड़ने पर स्वयं वही संख्या प्राप्त होता है। इसे योज्य का तत्समक गुण कहा जाता है।
जैसे :-
- 7 + 0 = 7
- 6 + 0 = 6
- 0 + 0 = 0
- 8 + 0 = 8
- 3 + 0 = 3
● पूर्ण संख्या का गुणन (गुणा) का नियम
पूर्ण संख्या में गुणा का भी कुछ नियम होता है। यहाँ सिर्फ दो पूर्ण संख्या के गुणन को ही देखेंगे।
संवरक नियम
किसी भी दो पूर्ण संख्या का गुणा हमेशा पूर्ण संख्या होगी। a × b = c, यहाँ a, b, और c सभी पूर्ण संख्याएँ हैं। आप इसके जगह कोई भी पूर्ण संख्या बैठकर देखें वह पूर्ण संख्या ही होगा।
जैसे :-
- 0 × 5 = 0
- 9 × 7 = 63
क्रमविनिमय नियम
किसी भी दो पूर्ण संख्याओं को गुणा जाए फिर इस पूर्ण संख्या को क्रम में उल्टा कर के गुणा जाए तो भी पूर्ण संख्या ही प्राप्त होगा । यह नियम क्रमविनिमय नियम कहलाता है। a × b = a × b
जैसे :-
- 0 × 7 = 7 × 0 ; 0 × 7 = 0, 7 × 0 = 0
- 6 × 3 = 3 × 6 ; 6 × 3 = 18, 3 × 6 = 18
साहचर्य नियम
किसी तीन पूर्ण संख्याओं में पहले दो पूर्ण संख्याओं को गुणा जाए फिर तीसरा को गुणा जाए। या अंतिम दो पूर्ण संख्याओं को गुणा जाए फिर शुरुआत के पूर्ण संख्या को गुणा जाए तो दोनों स्थिति में गुणा करने पर एक ही पूर्ण संख्या प्राप्त होती है। (a × b) × c = a × (b × c)
जैसे :-
- (3 × 2) × 4 = 3 × (2 × 4) ; (3 × 2) × 4= 24 और 3 × (2 × 4) = 24
- (5 × 0) × 1 = 5 × (0 × 1) ; (5 × 0) × 1 = 0 और 5 × (0 × 1) = 0
वितरण नियम
वितरण नियम में गुना (×) और जोड़ (+) दोनों का नियम होता है। a × (b + c) = a × b + a × c
जैसे :-
- 2 × ( 5 + 3 ) = 2 × 5 + 2 × 3 = 16
- 3 × ( 6 + 4) = 3 × 6 + 3 × 4 = 30
0 के साथ गुणा का नियम
किसी भी पूर्ण संख्या में 0 से गुना करने पर 0 ही प्राप्त होगा, यह 0 एक पूर्ण संख्या ही है।
जैसे :-
- 7 × 0 = 0
- 6 × 0 = 0
- 0 × 0 = 0
- 8 × 0 = 0
- 3 × 0 = 0
1 के साथ गुणा का नियम
किसी भी पूर्ण संख्या में 1 से गुणा करने पर स्वयं वही संख्या मिलेगा। सिर्फ 0 को छोड़कर, इसे गुणन तत्समक कहा जाता है।
जैसे :-
- 5 × 1 = 5
- 6 × 1 = 6
- 9 × 1 = 9
- 7 × 1 = 7
- 8 × 1 = 8
FAQ
(1)पूर्ण संख्या कौन सी है ?
Ans – 0 और सभी धनात्मक पूर्णांक संख्या । जैसे 0,1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11….
(2) 0 पूर्ण संख्या है ?
Ans – 0 एक पूर्ण संख्या है। क्योंकि प्राकृतिक संख्या 0 के साथ पूर्ण बनाती है। मतलब 10 लिखने के लिए 0 की आवश्यकता होती है। इसे तरह से 100, 1000 इत्यादि संख्या लिखना बहुत आसान हुआ ,जब 0 का अविष्कार किया गया।
(3) क्या 21 एक पूर्ण संख्या है ?
Ans :- हाँ 21 एक पूर्ण संख्या भी है और प्राकृतिक संख्या भी। फिर -21 न ही पूर्ण संख्या है और न ही प्राकृतिक संख्या।
(4) पूर्ण संख्या कैसे पहचाने ?
Ans :- इसको पहचाने का नियम आसान है , जिस संख्या में – (ऋणात्मक) चिह्न लगे रहे ,दशमलव में लिखे रहे या भिन्न में लिखे रहें , या √ (रूट) के अंदर लिखें हों और बाहर √ से बाहर नहीं किया जा सकें ऐसी संख्याएँ पूर्ण संख्या नहीं होती है।
(5) सबसे छोटी पूर्ण संख्या कौन सी है ?
Ans :- 0 सबसे छोटी पूर्ण संख्या है। पूर्ण संख्या की शुरुआत ही 0 (शून्य) से होती है।
(6) 0 से 10 के बीच कितनी पूर्ण संख्या है ?
Ans :- 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 मतलब 0 और 10 मिलाकर 0 से 10 तक कुल 11 पूर्ण संख्या है।
(7) सबसे बड़ी पूर्ण संख्या कौन सी है ?
Ans :- अनन्त ; पूर्ण संख्या की शुरुआत 0 से होती है और अंत संख्या बताना कठिन होगा। सबसे बड़ी पूर्ण संख्या का सभी अंक 9 ही होंगे।
(8) प्राकृतिक और पूर्ण संख्या क्या है ?
Ans :- पूर्ण संख्या की शुरुआत 0 से होती है वहीं प्राकृतिक संख्या की शुरुआत 1 से होती है। सभी प्राकृतिक संख्या पूर्ण संख्या होती लेकिन सभी पूर्ण संख्या, प्राकृतिक संख्या नहीं होती है। 0 को छोड़कर सभी पूर्ण संख्या प्राकृतिक संख्या होती है।
(9) 1 से 100 तक कितनी पूर्ण संख्या है ?
Ans :- 1 से 100 तक 100 पूर्ण संख्या है। वहीं 0 से 100 के बीच कुल 101 पूर्ण संख्या है। (0 और 100 मिलाकर)
(10) 10 एक प्राकृतिक या पूर्ण संख्या है ?
Ans :- 10 पूर्ण संख्या तो जरूर है। और इसे प्राकृतिक संख्या भी कहा जाता है। लेकिन मेरे अनुसार 10 को अर्ध पूर्ण संख्या और अर्ध प्राकृतिक संख्या कहा जाना चाहिए। क्योंकि 10 में दहाई का अंक 1 प्राकृतिक संख्या है। वहीं इकाई का अंक 0 पूर्ण रूप से पूर्ण संख्या है।
(11) 0 से 99 के बीच कितनी पूर्ण संख्या है ?
Ans :- 100 पूर्ण संख्या है। 1 से 99 तक 99 पूर्ण संख्या और एक 0 कुल मिलाकर 100 पूर्ण संख्या।