ट्रेडिंग क्या है, प्रकार और कैसे शुरू करें

Trading (ट्रेडिंग) का मतलब होता है, खरीद बिक्री करना। खरीदना फिर से मुनाफा लगाकर बेचना। अलग-अलग तरह का ट्रेडिंग होता है। कुछ में रिस्क नहीं होता है । कुछ ऐसे ट्रेडिंग होते हैं जिसमें बहुत ज्यादा रिस्क होते हैं। खास बात यह है कि जितना बड़ा रिस्क होता है उसमें उतनी ज्यादा मुनाफा होती है।

trading kya hota hai

[1] शेयर बाज़ार में शेयर की खरीद बिक्री होती है। जिसमें कंपनी के शेयर खरीदे जाते हैं । जब उस कंपनी का मांग किसी वजह से बढ़ता है तो शेयर का प्राइस बढ़ जाता है, कुछ लोग इस समय का फायदा उठाकर शेयर को बेच देते हैं जिससे मुनाफा होता है। इसी तरफ से अगर शेयर का मांग घटता है तो शेयर का प्राइस भी कम होते जाता है। ये हुए शेयर की खरीद बिक्री (ट्रेडिंग). इसी तरह से हरेक चीज की ट्रेडिंग होती है।

[2] अभी के समय में लोग ऑनलाइन सट्टा ( एक तरह का कानूनी जुआ) लगते है। इसमें अनुमान लगाना होता है। एक उदाहरण से आपको समझते है, जैसे आपको अनुमान लगाना होता है कि शेयर का प्राइस ऊपर जाएगा या नीचे जाएगा। इसमें कुछ रुपैया लगा कर इसे खेला जाता है। इसमें रिस्क होता है। अगर आपके पास रुपैया आ रहा है तो किसी के जेब से रुपैया निकल रहा है। यह ट्रेडिंग नहीं है ,एक एक तरह से सट्टे का खेल है।

[3] अभी के समय में कुछ लोग ऑनलाइन बहुत एप्प्स के माध्यम से ट्रेडिंग करते हैं। इस एप्स को ब्रोकर प्लेटफार्म कहा जाता है। इसमें प्रोसेस के तहत आप अलग-अलग शेयर मार्केट में रुपया लगा सकते हैं। अधिकतर लोग इस तरह के ऐप्स का इस्तेमाल कर करके डे-ट्रेडिंग करते हैं। डे ट्रेडिंग के बारे में आगे बताया गया है। यह एक सट्टा नहीं होता है मतलब आपको अनुमान लगाना नहीं होता है लेकिन शेयर ऊपर उठेगा या नीचे जाएगा। इसका अनुमान तो लगाना पड़ता है।

ट्रेडिंग का प्रकार

ट्रेडिंग कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से कुछ के बारे में बताया गया है।

1.स्टॉक ट्रेडिंग (Stock Trading)

स्टॉक ट्रेडिंग में व्यापारी स्टॉक मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने का काम करते हैं। स्टॉक मार्केट में विभिन्न उद्योग के कंपनियों के शेयरों की खरीद विक्रय होता है।

2.कमोडिटी ट्रेडिंग (Commodity Trading)

कमोडिटी ट्रेडिंग में व्यापारी कमोडिटी मार्केट में विभिन्न कमोडिटी (जैसे अनाज, सोना, चांदी, पेट्रोल, कॉफ़ी आदि) की खरीद विक्रय करते हैं।

3.मुद्रा ट्रेडिंग

मुद्रा ट्रेडिंग में व्यापारी विदेशी मुद्रा बाजार में विभिन्न मुद्राओं की खरीद- विक्रय करते हैं।

4.डे ट्रेडिंग (Day-Trading)

डे ट्रेडिंग एक ऐसी विधि है जिसमें ट्रेडर दिनभर में अपनी खरीद विक्रय को पूरा करते हैं। इसमें ट्रेडर को एक से अधिक शेयर के विकल्प उपलब्ध होते हैं। डे ट्रेडर आमतौर पर बाजार बंद होने से पहले अपनी सभी पोजीशन को बंद करते हैं।

5.स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading )

इसमें कुछ दिनों या सप्ताहों तक सुरक्षाएं धारण की जाती हैं ताकि छोटे-छोटे मूल्य चलन से लाभ उठाया जा सके। स्विंग ट्रेडर आमतौर पर तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हुए प्रवेश और निकास बिंदुओं की पहचान करते हैं।

6.पोजीशन ट्रेडिंग (Position Trading)

इसमें सुरक्षाएं लंबे समय तक धारण की जाती हैं, आमतौर पर कुछ महीनों से लेकर कुछ साल तक। पोजीशन ट्रेडर आमतौर पर मौलिक विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो दीर्घकालिक विकास की मजबूत संभावनाएं रखती हैं।

7.स्कैल्पिंग (Scalping Trading)

इसमें छोटी-छोटी मुनाफे के लिए छोटे समय अंतराल में बहुत सारे ट्रेड लिए जाते हैं। स्कैल्पर्स आमतौर पर उच्च फ्रिक्वेंसी ट्रेडिंग एल्गोरिथ्म का उपयोग करते हैं और उनके पास एक बहुत उच्च स्तर की विशेषज्ञता होती है।

8.एल्गोरिथ्मिक ट्रेडिंग (Algorithm Trading)

इसमें कंप्यूटर प्रोग्राम या एल्गोरिथ्म का उपयोग करके पूर्वनिर्धारित मापदंडों पर स्वचालित रूप से ट्रेड किए जाते हैं। एल्गोरिथ्मिक ट्रेडर आमतौर पर मुनाफे की संभावनाओं को खोजने के लिए मात्रात्मक विश्लेषण और सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग करते हैं।

9.विकल्प ट्रेडिंग (Option Trading)

इसमें विकल्प समझौतों का व्यापार होता है जो खरीदार को निर्धारित अवधि के भीतर सुरक्षा खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं, लेकिन अनिवार्यता नहीं है। विकल्प ट्रेडर आमतौर पर तकनीकी और मौलिक विश्लेषण के संयोजन का उपयोग करते हुए लाभदायक ट्रेडिंग अवसरों की पहचान करते हैं।

10.विदेशी मुद्रा व्यापार (Forex Trading)

इसमें विदेशी मुद्रा बाजार में मुद्रा जोड़ियों का व्यापार होता है। विदेशी मुद्रा ट्रेडर आमतौर पर तकनीकी विश्लेषण और आर्थिक समाचारों का उपयोग करते हुए ट्रेडिंग अवसरों की पहचान करते हैं।

ट्रेडिंग शुरू कैसे करें

ट्रेडिंग शुरू करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:

1.शेयर बाजार की जानकारी प्राप्त करें

ट्रेडिंग के लिए स्टॉक मार्केट की जानकारी होना जरूरी है। आप अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए स्टॉक मार्केट की विभिन्न वेबसाइटों और ऐप्स का उपयोग कर सकते हैं।

2.खुद को शिक्षित करें

व्यापार शुरू करने से पहले, यह महत्वपूर्ण है कि आप उन बाजारों के बारे में जितना हो सके उतना सीखें, जिसमें आप रुचि रखते हैं, विभिन्न व्यापारिक रणनीतियों और इसमें शामिल जोखिम। आप किताबें पढ़कर, सेमिनार या वेबिनार में भाग लेकर और डेमो ट्रेडिंग अकाउंट पर अभ्यास करके शुरुआत कर सकते हैं।

3.ब्रोकर की तलाश करें

ट्रेडिंग के लिए आपको एक ब्रोकर की आवश्यकता होती है। आप अपनी जांच के बाद एक अच्छा और विश्वसनीय ब्रोकर चुन सकते हैं।

4.खाता खोलें

ब्रोकर से संपर्क करें और उनके द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अपना खाता खोलें। आमतौर पर, आपको अपनी आय, पता और अन्य विवरणों की जानकारी प्रदान करनी होगी।

5.डेमो खाता खोलें

अगर आपने कभी पहले ट्रेडिंग नहीं की है, तो आप ब्रोकर से एक डेमो खाता खोल सकते हैं। यह आपको ट्रेडिंग का अनुभव हासिल करने देगा और आप ट्रेडिंग के नियम और तकनीकों को समझने में मदद करेगा।

6.एक व्यापार योजना विकसित करें

व्यापार शुरू करने से पहले, आपको एक व्यापार योजना विकसित करनी चाहिए जो आपके लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और व्यापार रणनीति को रेखांकित करे। यह आपको केंद्रित रहने और आवेगी व्यापार करने से बचने में मदद करेगा।

7.ट्रेडिंग शुरू करें

एक बार जब आप अपने खाते में पैसे जमा कर लेते हैं और एक ट्रेडिंग योजना विकसित कर लेते हैं, तो आप ट्रेड करना शुरू कर सकते हैं। छोटी राशि से शुरू करें और अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए अपने ट्रेडों पर नज़र रखें और आवश्यकतानुसार अपनी ट्रेडिंग योजना में समायोजन करें।

व्यापार नॉलेज :-

1.शेयर मार्केट क्या होता है (Stock Market)

2.ट्रेडिंग कैसे करें और क्या होता है (Trading)

3. म्यूच्यूअल फंड क्या होता है (Mutual Fund)

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