Class 10 के गणित का यह 6th चैप्टर है। इस चैप्टर में त्रिभुज के बारे में पढ़ेंगे। आप त्रिभुज के बारे में बेसिक तथ्य जानते होंगे।लेकिन तब भी मैं शुरू से बताऊंगा ताकि त्रिभुज के इस चैप्टर में कोई दिक्कत न हो।
● त्रिभुज (Triangle)
वैसी आकृति जिसमें तीन बंद भुजाएं हों उस आकृति को त्रिभुज (Triangle) कहते हैं।
- त्रिभुज में तीन भुजाएं होते हैं।
- तीन कोण होते हैं।
- तीन शीर्ष होते हैं।
◆ भुजा के अनुसार त्रिभुज के तीन प्रकार होते हैं।
- समबाहु त्रिभुज :- वैसी त्रिभुज जिसकी सभी भुजाएं बराबर हो उसे समबाहु त्रिभुज कहते हैं। समबाहु त्रिभुज में सभी भुजाएं बराबर होती है इसीलिए सभी खून भी बराबर होते हैं इन कोण का माप 60 डिग्री होता है। वैसे आप लोगों को पता होगा त्रिभुज के सभी कोणों का माप जोड़ और 180 डिग्री होता है।
- समद्विबाहु त्रिभुज :- वैसी त्रिभुज जिसकी दो भुजाएं बराबर हो उसे समद्विबाहु त्रिभुज कहते हैं। समद्विबाहु त्रिभुज में दो कोण बराबर होते हैं । विषम भुजाओं से से बनने वाले दोनों कोण बराबर होते हैं।
- विषमबाहु त्रिभुज :- वैसी त्रिभुज जिसकी कोई भुजा बराबर ना हो उसे विषमबाहु त्रिभुज कहते हैं। विषमबाहु त्रिभुज में कोई भी कौन वापस में बराबर नहीं होते हैं।
◆ कोण के अनुसार भी त्रिभुज के तीन प्रकार होते हैं
- न्यूनकोण त्रिभुज :- वैसी त्रिभुज जिसकी सभी कोण न्यूनकोण हो मतलब सभी कोण 90° से छोटा और 0° से बड़ा हो तो उसे हम न्यूनकोण त्रिभुज कहते हैं।
- समकोण त्रिभुज :- वैसे त्रिभुज जिसका एक कोण 90° हो बचे हुए दोनों कोण न्यूनकोण हो उसे समकोण त्रिभुज कहते हैं। समकोण त्रिभुज में 90° के कोण के सामने वाले भुजा को कर्ण कहा जाता है। बचे दो भुजाओं को आधार और लम्ब कहा जाता है।
- अधिककोण :- वैसे त्रिभुज जिसका एक कोण अधिककोण हो बाकी बचे हुए दोनों कोण न्यूनकोण हो। अधिककोण का मतलब 90° से बड़ा और 180° छोटे कोण होते हैं।
● समरूप आकृतियाँ
यहाँ मैं समरूप (similar)आकृति के बारे में सबसे पहले बताऊंगा। दो आकृति जब एक जैसा ही देखने में हो तो उसे समरूप आकृति कहते हैं। समरूप का मतलब होता है एकसमान रूप ।
- जब दो आकृति समरूप होते हैं तो वे दोनों आकृति एक दूसरे के बराबर हो भी सकते हैं और बराबर नहीं भी हो सकते हैं।
- कुछ आकृति हमेशा एक दूसरे के समरूप होते ही है।
- जैसे दो या दो से अधिक वर्गो को हमेशा समरूप कहा जायेगा।
- दो या दो से अधिक वृत हमेशा ही समरूप होते हैं चाहे बड़ा हो या छोटा।
- उसके बाद दो या दो से अधिक समबाहु त्रिभुज हमेशा ही समरूप होते हैं।
दो आकृति सर्वांगम भी होते हैं इसके बारे में पिछले कक्षा में पढ़ें होंगे । लेकिन मैं आपको फिर से बता देता हूँ।
● सर्वांगसम आकृति
सर्वांगसम का मतलब होता है बराबर होना जब दो आकृति एक दूसरे के बराबर होते हैं तो उसे सर्वांगसम आकृति बोला जाता है।
- जब दो त्रिभुज सर्वांगसम होंगे तब दोनों त्रिभुज के सभी भुजा और सभी कोण वापस में बराबर होंगे।
- जब दो वृत सर्वांगसम होंगे तब दोनों वृतों के त्रिज्या बराबर होते हैं।
तो समरूप और सर्वांगसम में अंतर समझ गए होंगे। अगर दो आकृति समरूप हैं, तो वह सर्वांगसम भी सकते हैं, और नहीं भी हो सकते हैं। लेकिन जब दो आकृति सर्वांगसम होते हैं। तो वह समरूप जरूर होते हैं।
● त्रिभुजों की समरूपता
दो त्रिभुज के समरूप होने के दो बेसिक नियम है।
- दो त्रिभुज के संगत कोण बराबर हों। और
- दोनों त्रिभुज के संगत भुजाएं एक ही अनुपात (समानुपाती) हों।
◆ संगत कोण
संगत का मतलब होता है साथ-साथ जैसे आपका बायाँ हाथ और दूसरे किसी व्यक्ति के बायाँ हाथ संगत कहलाएगा। इसी तरह कोण में भी होता है। संगत कोण क्या होता है इस नीचे चित्र में देख सकते हैं।
◆ समानुपाती भुजाएं
अनुपात के बारे में आप सभी लोग पढ़ें होंगे मैंने भी डिटेल में बताया है। समानुपाती और तुल्य भिन्न एक ही होता है। जैसे 2:5 लिखते हैं। और दूसरा अनुपात 4:10 लिखते हैं। अब आप दोनों अनुपात में क्या अंतर है आप बता सकते हैं। 4:10 को तोड़ियेगा तो 2:5 ही हो जाएगा । इसलिए 2:5 और 4:10 दोनों समानुपाती है।
इसी तरह से भुजा भी होते हैं दो भुजाएं समानुपाती कब कहलाती है आप देख सकते हैं इस चित्र में ।
● त्रिभुजों की समरूपता के लिए कसौटियाँ
● समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफल
प्रमेय :- दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात इनकी संगत भुजाओं के अनुपात के वर्ग के बराबर होता है।
● पाइथागोरस प्रमेय
प्रमेय :- यदि किसी समकोण त्रिभुज के3 समकोण वाले शीर्ष से कर्ण पर लम्ब डाला जाए तो इस लम्ब के दोनों ओर बने त्रिभुज सम्पूर्ण त्रिभुज के समरूप होते हैं तथा परस्पर भी समरूप होते हैं ।
या, एक समकोण त्रिभुज में कर्ण का वर्ग शेष दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।
प्रमेय :- यदि किसी त्रिभुज की एक भुजा का वर्ग अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर हो तो पहली भुजा का सम्मुख कोण समकोण होता है ।
सारांश और सूत्र
प्रमेय :- यदि किसी त्रिभुज की एक भुजा के समांतर अन्य दो भुजाओं को भिन्न भिन्न बिंदुओं पर प्रतिछेद करने के लिए, एक रेखा खींची जाए तो यह अन्य दो भुजाएं एक ही अनुपात में विभाजित हो जाती हैं।
प्रमेय :- यदि एक रेखा किसी त्रिभुज की दो भुजाओं को एक ही अनुपात में विभाजित करें,तो वह तीसरी भुजा के समानांतर होती है।
प्रमेय :- यदि दो त्रिभुजों में, संगत कोण बराबर हों,तो उनकी संगत भुजाएं एक ही अनुपात में (समानुपाती) होती हैं और इसलिए ये त्रिभुज समरूप होते हैं।
प्रमेय :- यदि दो त्रिभुजों में एक त्रिभुज की भुजाएँ दूसरे त्रिभुज की भुजाओं के समानुपाती हों, तो इनके कोण बराबर होते हैं, और इसलिए दोनों त्रिभुज समरूप होते हैं।
प्रमेय :- यदि एक त्रिभुज का एक कोण दूसरे त्रिभुज के एक कोण के बराबर हो तथा इनको अंतर्गत करने वाली भुजाएं समानुपाती हों, तो दोनों त्रिभुज समरूप होते हैं।
प्रमेय :-
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Class 10 Maths Topic (थ्योरी )
- Chapter 1: वास्तविक संख्या (Real Numbers)
- Chapter 2: बहुपद (Polynomials)
- Chapter 3: दो चर वाले रैखिक युग्म (Pair of Linear Equations in Two Variables)
- Chapter 4: द्विघात समीकरण (Quadratic Equations)
- Chapter 5: समांतर श्रेढ़ियाँ (Arithmetic Progressions)
- Chapter 6: त्रिभुज (Triangles)
- Chapter 7: निर्देशांक ज्यामिति (Coordinate Geometry)
- Chapter 8: त्रिकोणमिति का परिचय (Introduction to Trigonometry)
- Chapter 9: त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग (Some Applications of Trigonometry)
- Chapter 10: वृत (Circles)
- Chapter 11: रचनाएँ (Constructions)
- Chapter 12: वृतों से संबंधित क्षेत्रफल (Areas Related to Circles)
- Chapter 13: पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन (Surface Areas and Volumes)
- Chapter 14: सांख्यकी (Statistics)
- Chapter 15: प्रायिकता (Probability)
व्यापार नॉलेज :-
1.शेयर मार्केट क्या होता है (Stock Market)
2.ट्रेडिंग कैसे करें और क्या होता है (Trading)
3. म्यूच्यूअल फंड क्या होता है (Mutual Fund)