अपवर्त्य (Multiple) :- किसी संख्या में प्राकृतिक संख्या (1, 2, 3, 4, 5,…) से गुणा करके अपवर्त्य निकाला जाता है। अपवर्त्य को गुणज भी कहा जाता है।
जैसे:- 4 का गुणज (अपवर्त्य)
4×(1) = 4
4×(2) = 8
4×(3) = 12
4×(4) = 16
4×(5) = 20 etc.
यहां: 4 का गुणज :- 4, 8, 12, 16, 20 …होगा।
और 5 को -2 से गुणा करेंगे तो -10 होगा। क्या सिर्फ प्राकृतिक संख्या से गुणा करके ही गुणज या अपवर्त्य प्राप्त कर सकते हैं। अगर
5×(-1) = -5
5×(-2) = -10
5×(-3) = -15
5×(-4) = -20
5×(-5) = -25 इसी तरह से आगे भी
क्या -5, -10, -15, -20 etc. को 5 का गुणज नहीं कहा जाएगा ? इसपर आप सोचिए!
अपवर्त्य की विशेषता
- किसी भी संख्या का अपवर्त्य असीमित होता है।
- किसी भी संख्या का अपवर्त्य 0 नहीं होता है।
- किसी संख्या का सबसे छोटी अपवर्त्य खुद वह संख्या होती है।
- किसी भी संख्या का अधिकतम अपवर्त्य नहीं निकाला जा सकता है।
- 0 का सभी अपवर्त्य 0 ही होता है।
समापवर्त्य (Common Multiple)
दो या दो से अधिक संख्याओं के सार्व – अपवर्त्य (common) को समापवर्त्य कहलाता है।
जैसे:-
- 5 का अपवर्त्य = 5,10,15 20,25,30,35,40,45,..
- 15 का अपवर्त्य = 15, 30, 45, 60,…
- 5 और 15 का समापवर्त्य= 15, 30,45….
लघुत्तम समापवर्त्य (Lowest Common Multiple) – LCM
सबसे छोटा समापवर्त्य को लघुत्तम समापवर्त्य कहा जाता है।
जैसे:-
- 4 का अपवर्त्य = 4,8,12,16,20,24,28,…
- 6 का अपवर्त्य = 6,12,18,24,30,36,….
- 4 और 6 का समापवर्त्य = 12, 24…
लघुत्तम समापवर्त्य = 12 होगा।