प्रायिकता (Probability) Class 10 maths Chapter 15

प्रायिकता (Probability) क्लास 10th के गणित विषय का लास्ट चैप्टर है। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं प्रायिकता (Probability) क्या है ? उसके बाद कुछ और शब्दों के अर्थों को समझ लेंगे जो इस चैप्टर में बार -बार उपयोग होती है।

प्रायिकता (Probability) क्या है ?

प्रायिकता (Probability) का साधारण शाब्दिक अर्थ है संभावना। जैसे मैंने एक सिक्का को ऊपर उछाला, यहाँ “सिक्का ऊपर उछालना ” एक घटना है। इस घटना के घटित हो जाने के बाद क्या-क्या परिणाम होंगे। घटना घटित होने से पहले परिणाम का जो अनुमान लगाया जाता है वही प्रायिकता ( Probability) कहलाता है।

1 सिक्का में दो भाग होते हैं H (हेड) और T (टेल). एक सिक्का उछालने पर H, T, ø (सिक्का खड़ा भी रह सकता है ना H और ना T आएगा ). तो एक सिक्का उछालने पर तीन घटना घटित हो सकते हैं। लेकिन प्रायिकता में सिर्फ दो घटना को लिया जाता है। और सिक्का खड़ा रह जाता है तो फिर से उछाला जाता है। इसलिए एक सिक्का को उछालने पर या तो H आएगा या T आएगा

एक सिक्का को उछालने पर सिर्फ दो घटना घटित हो सकते हैं। या तो H आएगा या T आएगा। { H, T } अब अगर पूछा जाए कि H आने की संभावना (प्रायिकता ) क्या होगी ? आप इसका उत्तर साधारण भाषा में दे सकते हैं। अगर प्रतिशत में कहना चाहते हैं तो कह सकते हैं 50 % होगी।

और आना में कहना चाहते हैं तो 8 आना कह सकते हैं। उसके आधे संभावना भी कह सकते हैं। लेकिन गणित में कहने से कुछ नहीं होता है इसे जोड़- घटाव करके निकाल कर देखना पड़ता है। इसलिए कुछ चीजों को शार्ट फॉर्म में लिखते हैं। जैसे P(H) इसका मतलब होता है Probability of Head (हेड आने की संभावना (प्रायिकता) ).

एक सिक्का को 1000 बार उछाला जाए तो कितने बार चित (Head) या पट (Tail) आएगी। इसमें बहुत सारी स्थिति हो सकती है। जैसे

● 1000 बार चित आये।
● 1000 बार पट आये ।
● 10 बार ही चित आये।

लेकिन प्रायोगिक तौर पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है। चित या पट आने की संख्या 1/2 के निकटवर्ती ही रहता है।

इसपर बहुत वैज्ञानिक प्रयोग कर चुके हैं। 18 वीं शताब्दी के फ्रांसीसी जीव विज्ञानी comte de buffon ने एक सिक्के को 4040 बार उछाला उसे 2048 बार चित प्राप्त हुए। तो P (चित ) = 2048/4040 =0.507 थी।

ब्रिटेन के J.E. Kerrich ने एक सिक्के को 10000 बार उछाला तो 5067 बार चित प्राप्त हुए। तो P(चित) = 5067/10000 =0.5067 थी।

इसी तरह सर बहुत सारे वैज्ञानिकों ने प्रयोग किये उसे लगभग में 1/2 ही प्रायिकता मिली।

यहीं से प्रायिकता (Probability ) का कॉन्सेप्ट आया।

यादृच्छिक उछाल (Random toss)

यादृच्छिक उछाल का मतलब होता है बिना किसी पक्षपात (bias) या रुकावट के स्वतंत्रता पूर्वक उछाल होता है।

प्रारंभिक घटना (elementary event)

किसी प्रयोग की वह घटना जिसका केवल एक ही परिणाम हो उसे प्रारंभिक घटना कहते हैं।

असंभव घटना (impossible event)

जिस घटना का होना असंभव है , ऐसी घटना की प्रायिकता 0 होती है।

निश्चित घटना (Sure Event )

जिस घटना का घटित होने निश्चित हो उसे निश्चित हो उसे निश्चित घटना (Sure Event ) कहते हैं। इसकी प्रायिकता 1 होती है।

कब प्रायिकता होगी और कब नहीं होगी

  • किसी भी घटना प्रायिकता 0 से 1 के बीच ही हो सकती है।
  • अगर प्रतिशत में कहा जाए तो 0 % से 100 % के बीच ही हो सकती है।
  • अगर प्रायिकता 0 हो तो घटना असंभव होती है।
  • अगर प्रायिकता 1 हो तो घटना निश्चित होती है।
  • प्रायिकता कभी भी – नहीं हो सकता है। जैसे :- -5, -7, -9 , -6.5 , -1/2 इत्यादि।
  • प्रायिकता कभी 1 से बड़ा नहीं हो सकता है। जैसे :- 2, 1.01, 1.23, 4, 8 इत्यादि।
  • अगर प्रायिकता भिन्न में लिखा हो तो कभी अंस हर से बड़ा नहीं होना चाहिए। जैसे :- 7/5 ,8/2, 10/7 इत्यादि।

प्रायिकता को P(E) लिखा जाता है । इसका मतलब होता है । Probablity of Event (मतलब घटनाओं की प्रायिकता )।

प्रायिकता का मान हमेशा 0 ≤ P(E) ≤ 1 के बीच होता है। इसका मतलब होता है । प्रायिकता का मान कभी भी 0 से छोटा नहीं हो सकता है। या तो 0 होगा या 0 से बड़ा होगा। और 1 से बड़ा कभी भी नहीं हो सकता है। या तो 1 होगा या 1 से छोटा होगा।

प्रायिकता निकलने का साधारण सूत्र

P(E) = (अभिप्रयोगों की संख्या जिसमें घटना घटित हुई है ) / अभिप्रयोगों की कुल संख्या

उदाहरण 1 : एक सिक्का को 1 बार उछाला गया है तो चित (H ) आने की प्रायिकता निकालों ?

हल : एक सिक्का को एक बार उछालने से सिर्फ दो घटना घटित हो सकती है । { H , T }.

यहाँ पूरा घटित होने वाले घटनाओं की संख्या = 2 है।

सिर्फ चित (H ) आने की संभावना = 1 बार है ।

इसलिए , P (H) = 1/ 2 होगा।

उदाहरण 2 : एक सिक्का को 2 बार उछाला गया है तो दोनों में एक साथ चित (H ) आने की प्रायिकता निकालों ? दोनों में से किसी में पट (T) आने की प्रायिकता निकालों ?

हल : एक सिक्का को 2 बार उछालने से सिर्फ चार घटना घटित हो सकती है । { (H H), ( H T ) , (T H), (T T) }.

यहाँ पूरा घटित होने वाले घटनाओं की संख्या = 4 है।

सिर्फ एक साथ दोनों में चित (H ) आने की संभावना = 1 बार है ।

पट (T) आने की संभावना = 3 है।

इसलिए , P (H H) = 1/ 4 होगा।

P (T) = 3/4 होगा।

उदाहरण 3 : एक थैला में एक लाल गेंद, एक नीली गेंद और एक पीली गेंद है तथा सभी गेंदे एक ही साइज की हैं । कृतिका बिना थैले के अंदर झाँके, इसमें से एक गेंद निकलती है। इसकी क्या प्रायिकता है कि वह गेंद

(i) पीली (Y) होगी ?

(ii) लाल (R) होगी ?

(iii) नीली (B) होगी ?

हल : कुल गेंदों की संख्या 3 है। तो कुछ घटनाएं भी 3 ही होगी।

वहीं पीली (Y) गेंद निकलने की संभावना 1 होगी। लाल (R) गेंद निकलने की संभावना भी 1 होगी। और नीली (B) गेंद निकलने की संभावना भी 1 होगी।

अतः P (Y ) = 1/3 , P (R ) = 1/3 ,P (B ) = 1/3 , होगा।

यहाँ, P (Y ) + P (R ) + P (B ) =1 होगा।

1/3 + 1/3 + 1/3 = 1 होगा।

Note :- सभी घटना के प्रायिकता को जोड़ने पर 1 प्राप्त होता है।

मैंने ऊपर Y (पीली) गेंद निकलने की संभावना निकाला P (Y) = 1 निकला। अगर यहाँ मुझे Y (पीली ) गेंद नहीं निकलने की संभावना पूछे तो क्या होगा। इसका उत्तर होगा । पूरी घटना में से पीली गेंद निकलने की घटना को घटा देगें।

किसी भी घटना में पूरी घटना का मान 1 होता है। इसलिए हम 1 में से P (Y) को घटा देगें तो हमें पता चल जाएगा कि पीली गेंद नहीं आने की प्रायिकता क्या होगी।

पीली गेंद नहीं आने की प्रायिकता को P (Y–) लिखा जाता है। Y के ऊपर में – लिखा जाता है।

P (Y–) = 1 – P (Y)

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