अंक गणित की आधारभूत प्रमेय,अभाज्य संख्या, भाज्य संख्या,अभाज्य गुणनखंड,LCM,HCF

आज के पोस्ट में हम अभाज्य संख्या ,भाज्य संख्या ,अभाज्य गुणनखंड, LCM और HCF के बारे में  डिटेल से बताने  जा रहें हैं। आप इसे नॉट भी कर सकते हैं, नहीं तो आप कभी भी मेरे इस ब्लॉग पर आ सकते हैं और डिटेल से पढ़ सकते हैं।  मैं बहुत सरल तरीका से बताता हूँ। अगर आप गणित में कमजोर भी हैं तो आराम से समझ में आ जायेगा। अगर कुछ समझा में नहीं आता है तो आप कमेंट कर सकते  हैं।

अंक गणित की आधारभूत प्रमेय 

यह 10 क्लास वास्तविक संख्या के टॉपिक का चैप्टर है। अंक गणित की आधारभूत प्रमेय जो में आगे लिखने जा रहा हूँ। इस प्रमेय को याद रखने की जरूरत नहीं है। सिर्फ समझना ही जरुरी है। खैर इस प्रमेय से आप पहले से ही परिचित होंगे।
इस चैप्टर में सबसे पहले अभाज्य संख्या , भाज्य संख्या ,अभाज्य गुणनखंड , LCM और  HCF के बारे में जान लीजिये।
अंक गणित की आधारभूत प्रमेय | अभाज्य संख्या | भाज्य संख्या | अभाज्य गुणनखंड | LCM | HCF  mathshindicom

1. गुणनखंड क्या होता है ?

जब हम किसी संख्या में भाग देते हैं तो वह कौन कौन सी संख्या से विभाजित होता है उसे उस संख्या का गुणनखंड कहते हैं।
जैसे:- 8 में 1,2,4 और 8 से सिर्फ भाग लग सकता है। तो यहाँ 8 का गुणनखंड होगा 1,2,4 और 8 होगा।
इसी तरह से हम बहुत संख्या का गुणनखंड निकल सकते हैं।
2=1,2
3=1,3
4=1,2,4
5=1,5
6=1,2,3,6
7=1,7
8=1,2,4,8
9=1,3,9
10=1,2,5,10
…………..
……

2. अभाज्य संख्या क्या होता है ? (PRIME NUMBER)

अभाज्य संख्या का अलग अलग से परिभाषित किया जा सकता है। “जिस संख्या का सिर्फ दो गुणनखंड हो उसे अभाज्य संख्या कहते हैं। ” क्या यह समझ में आया है?
यहाँ आप गुणनखंड देख सकते हैं
2=1,2
3=1,3
4=1,2,4
5=1,5
6=1,2,3,6
7=1,7
8=1,2,4,8
9=1,3,9
10=1,2,5,10
11=1,11
….
इस गुणनखंड में 2,3,5,7,11… का सिर्फ दो गुणनखंड है। पहला 1 दूसरा खुद वह संख्या। इसलिए ऐसी संख्या को अभाज्य संख्या कहा जाता है।

3. भाज्य संख्या क्या होता है ? (COMPOSITE NUMBER)

भाज्य संख्या उस संख्या को कहा जाता है जिसका 3 या 3 से ज्यादा गुणखणड हो। यहाँ भी कुछ उदाहरण देकर में समझा देता हूँ।
2=1,2
3=1,3
4=1,2,4
5=1,5
6=1,2,3,6
7=1,7
8=1,2,4,8
9=1,3,9
10=1,2,5,10
11=1,11 
….
इस गुणनखंड में 4,6,8,9,10… का 3 या 3 से ज्यादा गुणनखंड है। इसलिए ऐसी संख्या को भाज्य संख्या कहा जाता है।

4. अभाज्य गुणनखंड क्या होता है ? (PRIME FACTOR )

जब हम किसी संख्या का गुणनखंड सिर्फ अभाज्य संख्या में निकलते हैं तब उसे अभाज्य गुणनखंड कहते हैं।
जैसे:-
8 =2*2*2
8 =2 *4 
यहाँ 8 =2*2*2 अभाज्य गुणनखंड है क्योकि इसका सभी गुणनखंड अभाज्य संख्या  है। और 8 =2 *4 अभाज्य गुणनखंड नहीं है क्योकि इसका सभी गुणनखंड अभाज्य संख्या नहीं है (2 अभाज्य है लेकिन 4 भाज्य है )।

5. HCF क्या होता है ? (HIGHEST COMMON FACTOR )

हिंदी में इसे महत्तम समापवर्तक कहा जाता है।
जब दो या दो से अधिक संख्याओं का गुणनखंड (factor ) निकलते हैं। और उन सब में एक सबसे बड़ा जो कॉमन गुणनखंड निकलता है उसी बड़े गुणनखंड को HCF कहा जाता है।
जैसे:-
8 और 5 का HCF निकले :
 
8 =1,2,4,8
5 =1,5
8 और 5 का HCF 1 होगा क्योकिं सबसे बड़ा कॉमन फैक्टर (गुणनखंड) सिर्फ 1 ही है।
18 और 50 का HCF निकले :
 
18 =1,2,3,6,9,18
50 =1,2,5,10,25,50
18 और 50 का HCF 2 होगा क्योकिं सबसे बड़ा कॉमन फैक्टर (गुणनखंड) सिर्फ 2 ही है।

6.MULTIPLE ( गुणज ) क्या होता है ?

जैसे गुणनखंड निकला जाता है उसी तरह से MULTIPLE ( गुणज ) भी निकला जाता है। गुणज का मतलब होता है गुना।
जैसे:-
5 का गुणज निकाले :
5*1=5
5*2=10
5*3=15
5*4=20
5*5=25
5*6=30
5*7=35
5*8=40
5*9=45
5*10=50
5*11=55
……..
……
यहाँ 5 का गुणज 5,10,15,20,25,30,35,40,45,50,55……होगा।

7. LCM क्या होता है ? (LOWEST COMMON MULTIPLE )

चलिए अब जानते हैं LCM के बारे में
हिंदी में LCM को लघुत्तम समापवर्तक कहा जाता है।
दो या दो से अधिक संख्याओं के सबसे कम कॉमन MULTIPLE ( गुणज ) को LCM कहते हैं।
जैसे:-
5 और 4 का LCM निकालों :
5 का गुणज =5,10,15,20,25,30,35,40,45,50,55,60,65,70,75,80,85………
4 का गुणज =4,8,12,16,20,24,28,32,36,40,44,48,52,56,60,64,68,72…..
यहाँ 5 और 4 का सबसे छोटा गुणज 20 है इसलिए 5 और 4 का LCM 20 होगा।

प्रमेय 1.2 (अंक गणित की आधारभूत प्रमेय ) : प्रत्येक भाज्य संख्या को अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफल के रूप में व्यक्त किया जा सकता है तथा यह गुणनखंड अभाज्य गुणनखंडों के आने वाले क्रम के बिना अद्वतीय होता है।

ये प्रमेय को सिर्फ समझना है है और इसे सिर्फ याद रखना है। वैसे याद रखने की भी जरुरत नहीं है।
इस प्रमेय का कहना है कोई भी भाज्य संख्या को अभाज्य संख्या के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
जैसे 20 भाज्य संख्या है लेकिन इसे अभाज्य संख्या के गुणनखंड के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। 20 =10*2 के गुणनखंड के रूप में लिखा जा सकता है। लेकिन यहाँ 10 भाज्य संख्या है। 20 =2*2*5 भी लिख सकते हैं। यहाँ 20 का सभी गुणनखंड अभाज्य संख्या है।

इस प्रमेय में आगे कहा जा रहा है यह गुणनखंड अभाज्य गुणनखंडों के आने वाले क्रम के बिना अद्वतीय होता है।

इसका मतलब यह होता है कि जब हम अभाज्य गुणनखंड निकलते हैं तब बहुत अगल अगल तरीका से लिखा जा सकता है लेकिन सभी का मतलब एक ही है।

जैसे 20 का अभाज्य गुणनखंड 5*2*2 ये भी लिख सकते हैं। या  2 *5 *2 लिख सकते हैं या और भी तरीका से लिखा जा सकता है। लेकिन सभी का मतलब एक ही है 20 =2*2*5 इसलिए कहा गया है कि गुणनखंडों के आने वाले क्रम के बिना अद्वतीय होता है। 

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